प्रतीक चौहान. रायपुर/नागपुर. गांजा तस्करी मामले में आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर को नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. लल्लूराम डॉट कॉम को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उक्त सब इंस्पेक्टर इतवारी आरपीएफ थाने में पदस्थ है. आरोपी का नाम राम सिंह मीणा है. हालांकि पुलिस से आरपीएफ को सूचना मिलने के बाद ही उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है, जिसकी पुष्टि नागपुर रेल मंडल के आरपीएफ कमांडेंट ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में की है.

  आरपीएफ के उच्च पदस्थ सूत्र बताते है कि लड़कियों के जरिए ओडिसा से गांजा तस्करी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश नागपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया था. उक्त आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चला कि आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर ने भी कुछ माल (गांजा) खरीदा था. जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है.

हालांकि आरपीएफ के अधिकारियों के पास भी उक्त गांजे की कार्रवाई के संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है और वे भी पुलिस से पूरी जानकारी एकत्र करने में लगे हुए है.  नागपुर पुलिस के कुछ सूत्र बताते है कि पुलिस ने जाल बिछाकर सीआरपीएफ कैंप निवासी अभिषेक ललित पांडे (19) और फेटरी, काटोल रोड निवासी अरुण उर्फ सोनू राजकुमार ठाकुर (28) को गिरफ्तार किया था. उनसे 730 ग्राम गांजा और कार जब्त की गई. दोनों से पूछताछ करने पर पता चला कि अमन उर्फ गोल्डी गणवीर के साथ मिलकर उन लोगों ने ओडिसा से गांजा खरीदा था. कुछ माल जागनाथ बुधवारी निवासी लवकेश उर्फ कुश चंद्रमोहन माली (23) और मेहंदीबाग सोनार टोली निवासी विजय उर्फ बंटी गुप्ता (30) को बेचा है.

जाने कैसे गांजा तस्करी के खेल में शामिल हुआ सब इंस्पेक्टर

सूत्र बताते है कि बंटी गुप्ता के जरिए मीणा इस गैंग में शामिल हो गया. बताया जाता है कि पहली बार उसे इतवारी स्टेशन पर लावारिस स्थिति में गांजा मिला था. कार्रवाई करने की बजाए मीना ने माल अपने पास रख लिया था. बंटी गुप्ता के जरिए अन्य लोगों को माल बेच दिया था. तब से वह भी गांजे की खरीदी-बिक्री का हिस्सा बन गया. पुलिस अधिकारी होने के कारण किसी को उस पर संदेह नहीं होता था. पुलिस आज आरपीएफ सब इंस्पेक्टर को आज न्यायालय में पेश करेगी.