नई दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को कहा कि उसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत खाद्यान्न पर अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, जरूरतमंदों के लिए आत्म निर्भर भारत (एएनबी) योजना के तहत 3,109 करोड़ रुपये से अधिक प्रदान किए गए है। सरकार ने एएनबी योजना के तहत कुल आठ एलएमटी अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटित किया है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि खाद्यान्न (दाल और चना सहित) के लिए कुल वित्तीय निहितार्थ लगभग 2.75 लाख करोड़ रुपये है।

मंत्री ने कहा कि दालों और चना के लिए, पीएमजीकेएवाई-1 (अप्रैल-जून 2020) के तहत कुल 5,140 करोड़ रुपये, पीएमजीकेएवाय 2(जुलाई-नवंबर 2020) के तहत 6,999 करोड़ रुपये से अधिक और एएनबी के तहत मई-जून 2020 के बीच कुल 280 करोड़ रुपये की योजना आवंटित की गई थी।

पीएमजीकेएवाय 1 और 2 के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत 19.4 करोड़ लाभार्थी परिवारों को प्रति माह प्रति परिवार क्रमश: 1 किलो दाल और साबुत चना मुफ्त में वितरित किया गया। इसी तरह, मई और जून 2020 के दौरान प्रति परिवार प्रति माह 1 किलो साबुत चना, उन प्रवासियों को दिया गया, जो न तो एनएफएसए के तहत कवर किए गए थे और न ही पीडीएस कार्ड की राज्य योजना के तहत।

अप्रैल-नवंबर 2020 और मई 2021-मार्च 2022 के बीच पीएमजीकेएवाई के तहत एनएफएसए के तहत कवर किए गए सभी लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह अतिरिक्त 5 किलोग्राम खाद्यान्न (चावल और गेहूं) मुफ्त प्रदान किया गया है।