शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के पांच हजार से ज्यादा गांव में जल संकट है। सिंचाई, कृषि कार्य समेत पेयजल का भी संकट है। इसे लेकर RSS के आनुषंगिक संगठन किसान संघ ने चिंता जाहिर की है। किसान संघ ने शासन-प्रशासन को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि जल संरक्षण, संवर्धन और सिंचाई से जुड़ी योजनाओं में कई खामियां रही। अब किसान संघ सर्वे कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा।

किसान संघ के प्रांत प्रचार प्रसार प्रमुख राहुल धूत ने कहा कि प्रदेश के पांच हजार से अधिक गांवों में भीषण जल संकट है। कृषि का पूरा काम जल पर ही आधारित है, यह बड़ी समस्या और चिंता का विषय है। ग्रामीण संरचना या पूरे प्रदेश की संरचना सिंचाई पर निर्भर होती है। मवेशी से लेकर खेती और सभी को पानी चाहिए, स्थिति गंभीर होती जा रही है। भारतीय किसान संघ ने भी विषय को काफी गंभीरता से लिया है। हम अपने स्तर पर रिपोर्ट तैयारी कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें: एक गलती पड़ गई भारी: राजधानी में पराली जलाने पर पहली FIR, 4 किसानों पर मामला दर्ज

उन्होंने कहा कि हम किसान संघ से जुड़े किसानों, कार्यकर्ताओं और सभी पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि रिपोर्ट तैयार करें। किसान संघ अपने स्तर पर भी सभी प्रकार की जन संरचनाओं की गंभीर स्थिति को लेकर आर्य योजना तैयार कर रहा है। गांव गांव, कस्बे और शहरी कृषि क्षेत्र की सभी प्रमुख वाटर बॉडी को चिन्हित करने का काम कर रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें: पंखा-बल्ब हैं लेकिन बिजली नहीं! आजादी के 78 साल बाद भी ‘लालटेन युग’ में जीने को मजबूर ग्रामीण, अंधेरे में कैद है MP का ये गांव

राहुल धुत ने आगे कहा कि आने वाले समय में और भयानक रूप ले सकता है। इसकी अभी से तैयारी की जाए। जब सिंचाई की व्यवस्थाएं दुरुस्त हो, पानी का संरक्षण अच्छे से हो, जल संकट और सिंचाई को लेकर सरकार की नई पुरानी योजनाओं में भी गड़बड़ियां रही है। सही तरीके से संचालन नहीं किया गया। इनमें सुधार किए जाने की मांग किसान संघ ने की है। योजनाओं में सुधार किया जाए, सरकार इस मामले में चिंता करें। जल संवर्धन संरक्षण और सिंचाई योजनाओं पर नए तरीके से काम करने की आवश्यकता है। नहरों को लेकर भी किसान संघ अपनी रिपोर्ट देगा।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H