बिलासपुर. बिलासपुर के कोनी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम (सामान्य) मध्यक्षेत्र का समापन कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख दीपक विस्पुते ने कहा कि प्राचीन भारत श्रेष्ठ भारत रहा है। आकांताओं के हजार वर्ष के शासन के समाज में कुछ दोष एवं समाज में आत्महीनता, आत्म गौरव का अभाव हमारे सामाजिक पतन का कारण बना।

उन्होंने कहा, कृणवन्तो विश्वआर्यम का संदेश देने वाला हिन्दू समाज अभाव एवं संकटों से ग्रस्त होकर नैरास्य (निराशा) के वातावरण में लिप्त था। इसे दूर करने, समाज में देशभक्ति, अनुशासन एवं संगठन का भाव जागरण करने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत् 100 वर्षों से समाज व राष्ट्र जागरण के प्रयास में साधनारत है। समाज और देश का वैभव किसी एक संस्था संगठन से नहीं अपितु सारे जागरूक समाज के प्रयास से ही संभव है। अतः सारा समाज एक श्रेष्ठ भारत, दिग्विजयी भारत, समरस भारत, समृद्ध भारत, बनाने में अपना भी योगदान करें। आने वाले समय में 2047 का भारत दुनिया का नेतृत्व करता हुआ, भारत समस्त समाज के प्रयास से खड़ा होकर विश्वमंगल भारत की संकल्पना को साकार करता हुआ दिखेगा।

उन्होंने संघ द्वारा आह्वान पंच परिवर्तन की विस्तृत जानकारी दी। इससे पूर्व कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन सायं 06:15 बजे किया गया। इस समारोह में स्वयंसेवकों ने घोष, समता, आसन, नियुद्ध, पद विन्यास, दंड संचालन और राष्ट्रभक्ति गीत का मनमोहक सामूहिक प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में वर्ग के वर्ग कार्यवाह विक्रम सिंह ने सभी प्रमुख अधिकारियों का परिचय कराते हुए वर्ग का प्रतिवदेन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि 18 मई से प्रारंभ हुए कार्यकर्ता विकास वर्ग-1 मध्य क्षेत्र में कुल 308 स्थानों के 382 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इन स्वयंसेवकों में कृषक, महाविद्यालयीन छात्र, व्यसायी, कर्मचारी, अधिवक्ता, अभियंता, चिकित्सक, प्राध्यापक आदि शामिल थे।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण वर्ग में 58 शिक्षक, 13 पालक कार्यकर्ता पूर्ण समय वर्ग में उपस्थित रहे। यह वर्ग प्रातः 04:15 से जागरण प्रारंभ होकर रात 10:15 बजे तक संचालित होती थी, जिसमें शारीरिक, बौद्धिक, श्रम साधना के विभिन्न सत्र आयोजित किए गए। स्वयंसेवकों को वर्ग में सेवा कार्य, संपर्क और प्रचार विभाग के कार्यों के प्रति समझ विकसित करने व्यवहारिक प्रशिक्षण दिए गए।

समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ लोकनाचा राष्ट्रीय रासधारी (रहस) के डॉ. उग्रसेन कन्नौजे रहे। उन्होंने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि आज का यह प्रकट कार्यक्रम मेरे जीवन के लिए ऐतिहासिक है। मैंने अपने जीवन काल में बहुत बड़े-बड़े मंचन किये, परंतु आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आना मेरे लिए बड़ा सौभाग्य का विषय है। दुनिया में एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही तो है, जो छोटे छोटे समाज को और हिन्दू पद्धति को चिर स्थायी बनाएं रखने के लिए यहां पर जो स्वयंसेवकों के गुण निर्माण की संख्या हो रही है, उसमें हम सब की सहभागिता हो। प्रत्येक वर्ग में अपने बच्चों को ऐसे कोई खास कार्य के लिए तत्पर और मातृभूमि की रक्षा के लिए तत्पर रहे।

पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

कार्यकर्ता विकास वर्ग-1 (सामान्य) मध्य क्षेत्र में आए शिक्षार्थियों ने बीते गुरूवार को विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस के उपलक्ष्य में पेड़ लगाए। पौधारोपण का कार्य शिक्षार्थियों के अतिरिक्त शिक्षक और वर्ग में उपस्थित अधिकारियों ने भी लगाया। इसके अतिरिक्त पूरे बीस दिनों में खाद्यान और पानी की बर्बादी रोकने तथा उपयोग की हुई वस्तुओं जैसे प्लास्टिक बोतल से बनायी गयी सामानों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। इको वृक्ष एवं सीड बाल के निर्माण का कार्य किया गया।

प्रदर्शनी के माध्यम से दिखा विभागों का बेहतर कार्य

इस वर्ग में मध्य क्षेत्र के सभी प्रान्तों द्वारा कई विभागों का प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र रहा। जहाँ एक तरफ सेवा प्रकल्पों के चलाए जा रहे सेवा कार्यों की प्रदर्शनी अपनी सार्थक पहल को प्रकट कर रही थी, वहीं स्वावलंबन की दिशा में कागज के थैले आदि का निर्माण स्वावलंबी होने की प्रेरणा दे रहा था। इसी क्रम में प्रचार विभाग की प्रदर्शनी द्वारा प्रचार के सभी आयामों की संक्षिप्त जानकारी शिक्षार्थियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। इसमें भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण और उपयोगी कानून की जानकारी बेहतर सन्देश दे रही थी। वर्ग में मातृभाषा दिवस, स्वदेशी दिवस, पर्यावरण दिवस, गुरूजी पुण्य स्मरण दिवस के रूप में मनाया गया।

वर्ग में युवाओं की अधिक संख्या परिवर्तन के लिए हैं तैयार

इस बार के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम (सामान्य) मध्य क्षेत्र में आए शिक्षार्थियों में युवाओं का बोलबाला रहा है। इसमें कुल 382 शिक्षार्थी में से 226 शिक्षार्थी 30 वर्ष से कम उम्र के थे। इन युवा शिक्षार्थीयों में समाजहित में काम करने की प्रतिबद्धता दिखी, जो समाज परिवर्तन के लिए बेहतर संकेत है। समापन कार्यक्रम का आभार व्यक्त गणपती रायल ने किया। कार्यक्रम में अमृत वचन बोला गया तथा एकल गीत गाया गया। इस मौके पर मुख्य रूप से बिलासपुर विभाग के संघचालक डॉ. राजकुमार सचदेव, अनिरुद्ध काउरवार वर्ग के सर्वाधिकारी, प्रवीण गुप्त वर्ग पालक अधिकारी, सुरेश क्षेत्र व्यवस्था प्रमुख, कैलाश क्षेत्र प्रचार प्रमुख उपस्थित रहे।