अमृतसर. चंडीगढ़ नगर निगम की हाउस मीटिंग में मंगलवार को जबरदस्त हंगामा हुआ। यह हंगामा पिछले साल हुए मेयर चुनावों में हुई अनियमितताओं (Irregularities) पर चर्चा के दौरान हुआ। आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के पार्षदों ने अनिल मसीह के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उस समय अनिल मसीह प्रेज़ाइडिंग अफसर थे और उन पर अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे।

बहस से हाथापाई तक मामला गर्माया


कांग्रेस और आप के पार्षदों ने अनिल मसीह के खिलाफ पोस्टर लहराए और वेल में आकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस पर अनिल मसीह और भाजपा के अन्य पार्षद भी वेल में पहुंच गए। अनिल मसीह ने जवाब देते हुए कहा, “राहुल गांधी भी तो जमानत पर हैं।” इसके बाद दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई। स्थिति बिगड़ने के बाद बैठक की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी। AAP और कांग्रेस के पार्षद लगातार अनिल मसीह के खिलाफ पोस्टर लहराते हुए नारेबाजी कर रहे थे। मसीह ने वेल में आकर टिप्पणी की कि कांग्रेस के कई नेता, जैसे सोनिया गांधी और राहुल गांधी, जमानत पर हैं। इस टिप्पणी से माहौल और गरमा गया।

इसके बाद कांग्रेस और AAP के नेता फिर मसीह के पास पहुंचकर पोस्टर लहराने लगे। भाजपा पार्षदों ने पोस्टर छीनने की कोशिश की, जिससे हंगामा और बढ़ गया। कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह और वरिष्ठ उप महापौर कुलजीत सिंह संधू के बीच बहस छिड़ गई। गुरप्रीत सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद ने उनके हाथ से पोस्टर छीनने की कोशिश की।

अनिल मसीह ने पहले मांगी थी माफी

चंडीगढ़ में 30 जनवरी 2024 को नगर निगम के चुनाव हुए थे। भाजपा को कुल 16 वोट मिले, जिनमें 14 भाजपा पार्षद, 1 अकाली दल का पार्षद और 1 सांसद शामिल थे। वहीं, INDIA गठबंधन को 20 वोट मिले, जिनमें 13 आम आदमी पार्टी और 7 कांग्रेस के पार्षद थे।
लेकिन चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन की 8 वोटों को अमान्य (Invalid) घोषित कर दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां अदालत ने पाया कि चुनाव अधिकारी ने खुद कैमरे के सामने वोटों पर निशान लगाए थे। कोर्ट में अनिल मसीह ने अपनी गलती मानी और माफी मांगी।