रायपुर। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को महिला स्व सहायता समूह से रेडी टू ईंट का काम निजी हाथों में देने का मामला सदन में गूंजा। बीजेपी ने मामले में स्थगन प्रस्ताव देकर चर्चा की माँग की।
बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा- सरकार के इस फ़ैसले से 30 हज़ार समूह की महिलाएँ प्रभावित हुई है। वहीं अजय चंद्राकर ने कहा- घोषणा पत्र में कहा गया था कि महिला स्व सहायता समूहों के क़र्ज़ को माफ़ किया जाएगा। क्या महिलाओं को बेरोजगार करना छत्तीसगढ़ का स्वाभिमान है? कुपोषण को लेकर सरकार ने जितने भी आकंड़े जारी किए गए सब फ़र्ज़ी हैं? ये फ़र्ज़ी आकंडों पर चलने वाली सरकार है?
बीजेपी के प्रस्ताव पर संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा- हम इस मामले में चर्चा के लिए तैयार हैं।
आसंदी ने बीजेपी विधायकों के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा स्वीकार की और चर्चा के किए 3 बजे का वक्त तय किया है।
जिस पर बीजेपी विधायकों ने आपत्ति जताई, कहा- हम चर्चा के लिए तैयार हैं तो अभी चर्चा कराई जाए। हमें संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे की चुनौती स्वीकार है। इसके साथ ही तुरंत चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर बीजेपी विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया।
जिसके बाद बीजेपी विधायक गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी शुरु कर दी। गर्भगृह में उतरने की वजह से आसंदी ने बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया।