Rudrashtakam Stotram Benefits: श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है. यह महीना देवों के देव महादेव को अत्यंत प्रिय है. विशेषकर सोमवार के दिन शिवजी का रुद्राभिषेक, व्रत और स्तोत्र पाठ करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में यदि आप सुख, सौभाग्य, स्वास्थ्य और शांति की कामना करते हैं, तो श्रावण मास में किसी भी दिन शिव चालीसा या रुद्राष्टक स्तोत्र का पाठ अवश्य करें.

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Rudrashtakam Stotram Benefits

Rudrashtakam Stotram Benefits

भगवान शिव को प्रिय स्तोत्र: रुद्राष्टक स्तोत्र (Rudrashtakam Stotram Benefits)

रुद्राष्टक स्तोत्र की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी. यह स्तोत्र शिवजी की महानता, करुणा और शक्ति का अद्भुत वर्णन करता है. इसका श्रवण और पाठ श्रावण मास में विशेष पुण्यकारी माना जाता है.

रुद्राष्टक का पहला श्लोक (Rudrashtakam Stotram Benefits)

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपम्।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥

इस स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करने से रोग, शोक और कष्ट दूर होते हैं. मन की शुद्धि होती है और भौतिक तथा आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति होती है. घर में सुख-शांति और ऐश्वर्य बना रहता है.

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कैसे करें रुद्राष्टक पाठ? (Rudrashtakam Stotram Benefits)

  1. प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  2. शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं.
  3. बिल्वपत्र, जल, दूध, शहद आदि से अभिषेक करें.
  4. फिर रुद्राष्टक स्तोत्र का 1, 3 या 11 बार पाठ करें.
  5. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें.

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