पिछले महीने 10 नवंबर को हुए दिल्ली ब्लास्ट में अमोनियम नाइट्रेट(Ammonium Nitrate) जैसे खतरनाक रसायन के इस्तेमाल से 15 लोगों की मौत हो गई थी और 28 लोग घायल हुए थे। इस हादसे के बाद दिल्ली पुलिस(Delhi Police) अब अमोनियम नाइट्रेट की खरीद, बिक्री और भंडारण पर नियंत्रण के नियम और कड़े करने की तैयारी में है। पुलिस जल्द ही अपने एक मौजूदा स्थायी आदेश की समीक्षा करेगी, जिसमें बदलाव संभव हैं। वर्तमान आदेश के अनुसार, मान्यता प्राप्त लैबों और शैक्षणिक संस्थानों को वैज्ञानिक शोध के लिए बिना लाइसेंस 5 किलोग्राम तक अमोनियम नाइट्रेट रखने की अनुमति है।
पुलिस अब इन संस्थानों में अमोनियम नाइट्रेट के वास्तविक भंडारण और उपयोग की पुष्टि करने के लिए एक सर्वे भी कर रही है। स्पेशल सीपी (क़ानून एवं व्यवस्था) रवींद्र यादव के निर्देश पर संयुक्त आयुक्त मधुर वर्मा के नेतृत्व में एक टीम पिछले एक महीने में 100 से अधिक संस्थानों का निरीक्षण कर चुकी है। अमोनियम नाइट्रेट सफेद क्रिस्टल जैसा पाउडर होता है, जिसका व्यापक उपयोग नाइट्रोजन-आधारित उर्वरक के रूप में किया जाता है। माना जाता है कि 10 नवंबर की शाम आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी द्वारा किए गए कार बम धमाके में भी इसी रसायन का उपयोग हुआ था।
इसके साथ ही, वाहनों की जवाबदेही बढ़ाने और उन खामियों को दूर करने के लिए, जिनका आपराधिक गतिविधियों में अक्सर इस्तेमाल होता है, दिल्ली पुलिस अब मोटर वाहन अधिनियम की धारा 50 को कड़ाई से लागू करने की तैयारी में है। इसका अर्थ है कि पुरानी कार के खरीदार और विक्रेता यदि मालिकाना हक़ (ओनरशिप) का ट्रांसफर तुरंत पूरा नहीं करते चाहे वजह लंबित चालान हों या कोई अन्य बाधा तो उन्हें सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसमें ऐसे वाहनों की जब्ती से लेकर आपराधिक मुकदमा चलाए जाने तक की कार्यवाही शामिल हो सकती है।
अमोनियम नाइट्रेट से संबंधित स्थायी आदेश के अनुसार, इस रसायन को रखने के लिए लाइसेंस और अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने की प्रक्रिया को इस तरह नियंत्रित किया जाना चाहिए कि चोरी की किसी भी संभावना को रोका जा सके, और आग से जुड़ी दुर्घटनाओं या जीवन की हानि का कारण बनने वाली घटनाओं को टाला जा सके। आदेश में यह भी कहा गया है, “यह कार्य विस्फोटक अधिनियम, 1884; विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908; अमोनियम नाइट्रेट नियम, 2012; और अन्य लागू शर्तों के प्रावधानों के अनुरूप किया जाना चाहिए।”
आदेश में कहा गया है कि अमोनियम नाइट्रेट का कोई भी गोदाम आबादी वाले क्षेत्र में स्थित नहीं होना चाहिए। साथ ही, अमोनियम नाइट्रेट के निर्माण, रासायनिक रूपांतरण या पिघले हुए रूप को ठोस में बदलने (या इसके विपरीत) के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी भी परिसर को कम से कम 2 मीटर ऊंची दीवार से घिरा होना अनिवार्य है। यह दीवार इतनी मजबूत और सुरक्षित होनी चाहिए कि अनधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश प्रभावी रूप से रोका जा सके। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक शहर में अमोनियम नाइट्रेट की अवैध बिक्री का कोई सबूत नहीं मिला है। इस संबंध में व्यापारी संघों के साथ बैठकों के दौरान भी यह पुष्टि हुई कि कोई भी रसायन व्यापारी इस पदार्थ की अवैध बिक्री में शामिल नहीं पाया गया है।
अधिकारी ने कहा, “हाल के धमाके के मद्देनज़र हम उन स्थानों पर इस रसायन की वास्तविक आवश्यकता का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं, जहाँ इसकी खरीद और उपयोग होता है।” उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस आपूर्ति श्रृंखला की पूरी जांच कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अमोनियम नाइट्रेट खरीदने वाले संस्थान इसे केवल अधिकृत आपूर्तिकर्ताओं से ही प्राप्त कर रहे हैं और कहीं भी सिस्टम में कोई खामी मौजूद नहीं है। पुलिस अधिकारी ने कहा, “बिक्री और खरीद की पूरी चेन की एक व्यापक समीक्षा चल रही है।”
सब्ज़ी की फसलों के लिए बड़े पैमाने पर अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री
हालांकि जिले में अमोनियम नाइट्रेट खुलेआम उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह कुछ जगहों पर चोरी-छिपे मिल रहा है। पुलिस की सख़्ती के चलते अब आम लोग इसे आसानी से नहीं ले पा रहे हैं। जिले में कुल 25 खाद और बीज की दुकानें हैं, और लगभग 10,000 एकड़ क्षेत्र में सब्ज़ी की फसलें उगाई जाती हैं, इसलिए इन दुकानों में अमोनियम नाइट्रेट युक्त खाद की बिक्री जारी है।
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