अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको आश्वासन दिया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। इसे लेकर जहां एक तरफ भारत में सियासी बवाल मचा हुआ है वही दूसरी तरफ अब रूस की प्रतिक्रिया आई है। भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि मॉस्को के साथ भारत का ऊर्जा सहयोग उसके राष्ट्रीय हितों के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते विश्वास की नींव पर टिके हैं। उन्होंने ट्रंप के बयान को भारत-अमेरिका द्विपक्षीय मामला बताया।
रूसी राजदूत ने क्या कहा ?
अलीपोव ने पत्रकारों से कहा, “जो कुछ भी हो रहा है वह भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय मामला है। भारत सरकार की नीति मुख्य रूप से भारतीय लोगों और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के हितों को प्रतिबिंबित करती है। ये उद्देश्य भारत-रूस संबंधों के विपरीत नहीं हैं।” उन्होंने कहा, “भारत-अमेरिका अपने निर्णयों में स्वतंत्र हैं, हम उन मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करते…हमारी तेल आपूर्ति भारतीय लोगों और भारतीय अर्थव्यवस्था के कल्याण के लिए बहुत फायदेमंद है।”
भारत-रूस सामरिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम
इससे पहले डेनिस अलीपोव नई दिल्ली में भारत-रूस सामरिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक समारोह में कहा कि भारत-रूस संबंध हमेशा समान, निर्बाध और पारस्परिक रूप से लाभकारी रहे हैं, ये गुण इसके बढ़ते प्रक्षेपवक्र को अपरिवर्तनीय बनाते हैं।
राहुल गांधी ने कहा- पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति से डर गए
कांग्रेस सासंद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को डरपोक करार दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पीएम पर 5 आरोप लगाए हैं। उन्होंने X पर लिखा- पीएम मोदी ट्रंप को फैसला और ऐलान करने देते हैं कि भारत रूसी तेल नहीं खरीदेगा। उन्होंने आगे कहा कि, बार-बार अनदेखी होने के बाद भी पीएम ट्रंप को बधाई संदेश भेजते रहते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अमेरिका यात्रा रद्द कर दी। खुद मिस्र के शर्म अल-शेख समिट में शामिल नहीं हुए। ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रम्प के बयानों का विरोध भी नहीं करते हैं।
पीएम मोदी एक कमजोर प्रधानमंत्री – कांग्रेस
इससे पहले, कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी पर देश की गरिमा से समझौता करने का आरोप लगाया था और रूस को भारत का करीबी सहयोगी बताया था। कांग्रेस ने कहा, ‘केवल आपसी दोस्ती को बेहतर बनाने के लिए देश के रिश्तों को नुकसान न पहुंचाएं। नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश की गरिमा से समझौता किया है। ट्रम्प के अनुसार, उनके गुस्से और धमकियों के आगे झुकते हुए मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा।’ पार्टी ने आगे कहा- एक बात स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी एक कमजोर प्रधानमंत्री हैं, और उनके कार्यों ने देश की विदेश नीति को अस्थिर कर दिया है।
भारत ने भी दिया है जवाब
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी ट्रंप के दावे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और अपने हितों की रक्षा करने को प्राथमिकता बताया है। मंत्रालय ने कहा कि “हमारी आयात नीतियां पूरी तरह इसी उद्देश्य से निर्देशित होती हैं। स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दोहरे लक्ष्य रहे हैं। इसमें हमारी ऊर्जा स्रोतों का व्यापक आधार बनाना और बाजार की स्थितियों के अनुरूप विविधीकरण करना शामिल है।”
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