अमृतांशी जोशी,भोपाल। वृंदावन वाले सदगुरु श्री ऋतेश्वर महाराज (Riteshwar Maharaj) लगातार एक मांग करते आ रहे हैं. एक बार फिर से उन्होंने भारत में सनातन बोर्ड (Sanatan Board) बनाने की मांग की है। ऋतेश्वर महाराज ने अपने बयान में कहा है कि सनातन संस्कृति पढ़ाने के लिए कोई बोर्ड क्यों नहीं है। उन्होंने दूसरे धर्मों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो पांच और दस प्रतिशत हैं उनके लिए कॉन्वेंट-मदरसे बन जाते हैं। जो 80 प्रतिशत सनातन धर्म के है उनके लिए कुछ क्यों नहीं है। इसके साथ ही ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि जो देश सांस्कृतिक रूप से मजबूत नहीं वो आर्थिक रूप से भी मजबूत नहीं होगा।
कॉन्वेंट और मदरसों की तर्ज पर सनातन बोर्ड बनाने की मांग
सदगुरु श्री ऋतेश्वर महाराज राजधानी भोपाल में पत्रकारों से अनेक मुद्दों पर चर्चा की। ऋतेश्वर महाराज ने अपने बयान में कहा कि देश में सनातन संस्कृति पढ़ाने के लिए कोई बोर्ड क्यों नहीं है। जो गिनती के पांच परसेंट है उनके लिए कॉन्वेंट बन जाते है। जो दस परसेंट है उनके लिए मदरसे बन जाते है और जो 80 प्रतिशत सनातन धर्म के है उनके लिए कुछ क्यों नहीं है। आज किसी भी सरकारी स्कूल में सनातन की पढ़ाई नहीं करवाई जाती है। हर देश में उनकी संस्कृति को बचाकर रखने का काम किया जाता है।
उन्होंने आगे कहा जो देश सांस्कृतिक रूप से मजबूत नहीं वो आर्थिक रूप से भी मजबूत नहीं होगा। भारत में संस्कृति को नहीं बचाया जा रहा था इसलिए कमजोर हुआ। इसके साथ ही उन्होंने पिछली कांग्रेस कि सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने 70 साल में तुष्टिकरण और बांटने की राजनीति की। नरेंद्र मोदी के आने से बदलाव देखने को मिला है।
बता दें कि सदगुरु ऋतेश्वर महाराज कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे हुए थे। यहां भी उन्होंने सनातन शिक्षा बोर्ड का गठन की मांग की थी। इस दौरान ऋतेश्वर महाराज ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैकाल के शिक्षा व्यवस्था में भारत को गुलाम बनाना है। एक साजिश के तहत पढ़ाया जाता है। बाबर और औरगजेब को इतिहास बताया गया और राम कृष्ण को काल्पनिक, इस लिए हमारी मांग की सनातन शिक्षा बोर्ड का गठन हो। सनातन शिक्षा ही पढ़ता जाए।
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