नासिर,उज्जैन। महाकाल की नगर उज्जैन स्थित क्षिप्रा नदी की गंदगी को लेकर साधु-संतों ने मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। क्षिप्रा नदी में मिल रही गंदगी को लेकर साधु संतो ने दत्त अखाडा पर बैठक कर आन्दोलन की रूप रेखा तैयार की है। गुरुवार सुबह 11 बजे से दत्त आखड़े पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

जानकारी के अनुसार क्षिप्रा में खान नदी का दूषित पानी मिलने से क्षिप्रा नदी का जल पूरी तरह गंदा हो गया है। क्षिप्रा शुद्धिकरण के नाम से शासन प्रशासन ने करोड़ों रुपए लगा दिए परन्तु अब तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकल सका है। एक सप्ताह पहले शनिचरी अमावस्या पर्व पर स्नान के दौरान खान नदी का गन्दा पानी क्षिप्रा में मिल गया था। क्षिप्रा नदी में गन्दा जल मिलने से रोकने के लिए अब साधु संतों ने हुंकार भरी है। बुधवार को साधू संतो ने क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित दत्त अखाड़े में एक महत्वपूर्ण बैठक की।

बैठक में निर्णय लिया गया की शासन प्रशासन क्षिप्रा शुद्धिकरण पर ध्यान नहीं दे रहा है और शहर के नालों का पानी भी क्षिप्रा नदी में जा कर मिल रहा है। इंदौर का मैला पानी खान नदी के माध्यम से क्षिप्रा में मिल रहा है। जिसपर प्रदेश की सरकार का कोई ध्यान नही है। संतो की मांग है कि क्षिप्रा में मिलने वाला गंदा पानी रोका जाए। इसके साथ ही संतों ने निर्णय लिया है कि कल गुरुवार सुबह 11 बजे से दत्त अखाड़े पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। जानकारी संत रामेश्वर दास ने दी है।

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