बिलासपुर। सकरी -कोटा रोड के किनारे लगे 4000 पेड़ काटने के मामले में फैसला अब राष्ट्रीय हरित अभिकरण यानी एनजीटी करेगी. शैलेश पांडे ने शासन के पेड़ काटने के फैसले के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, भोपाल में याचिका लगाई थी।  जिसमें अधिकरण की निगरानी में पुनः सर्वे कराने और और पेड़ों की कटाई पर शासन के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी. मामले की सुनवाई जुलाई के पहले हफ्ते में होगी.

याचिका में कहा गया है कि तकनीकी नियम में शिथिलता  देकर और सभी बातों को ध्यान में रखकर इस संवेदनशील विषय पर प्रकृति के पक्ष में निर्णय लिया जाए. याचिका में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन, सचिव PWD, रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड, जिला कलेक्टर और ठेकेदार सुनील अग्रवाल को पार्टी बनाया गया है.

शैलेश पांडे का कहना है कि 1982 में यह तमाम पेड़ लगाए गए थे. अब ये पेड़ फलदार और छायादार हो चुके हैं. इन्हें अब काटा जाना काफी गलत है. उन्होंने यह भी कहा कि काटे जाने से पहले यहां के पंचायतों में इसकी कोई चर्चा नहीं की गई.

गौरतलब है कि पेड़ों को काटने को लेकर के यहां कई आंदोलन हुए हैं. इसके बाद भी सरकार अपने फैसले पर अडिग थी.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बिलासपुर शहर का तापमान 49.3 डिग्री तक जा पहुंचा था और माना जा रहा है कि तेज़ी से कट रहे पेड़ इसकी बड़ी वजह है.