कोंडागांव. जिले से एक शानदार तस्वीर निकलकर सामने आई है. तस्वीर ऐसी है जिसे देख हर कोई आईटीबीपी के जवानों की शानदार पहल की तारीफ करते नहीं थकेगा. ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि, पिछले तीन महीनों से आईटीबीपी के जवान नक्सली क्षेत्रों में गस्त के साथ अंदरुनी गांव के बच्चों को नवोदय विद्यालय के साथ एकल विद्यालय प्रवेश एग्जाम के लिए तैयार कर रहे हैं. स्कूलों में गर्मी की छुट्टी के बाद अब जवान इन बच्चों के सुनहरे भविष्य को ध्यान में रखते हुए क्लास लेते नजर आ रहे हैं.

बता दें कि, जिले में 29वीं वाहिनी पुलिस बल नक्सल विरोधी अभियान को निभाते हुए सुदुर क्षेत्रों में ड्यूटी को तत्परता के साथ निर्वहन कर रही है, इसी के साथ-साथ आदिवासी छात्रों के भविष्य को उजागर करने के लिए प्रयासरत है. इसी क्रम में समर बहादुर सिंह सेनानी, के मार्गदर्शन में और नीरज सिंह उप सेनानी के कुशल प्रयासों द्वारा वाहिनी की विभिन्न सीओबी, मुंजमेटा, फरसगांव, झारा और धौड़ाई में लगभग 200 आदिवासी छात्रों के लिए विभिन्न स्थानों पर कोचिंग क्लास का आयोजन पिछले 3 महीने से किया जा रहा है.

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वहीं इन कक्षाओं का आयोजन 29वीं वाहिनी के पदाधिकारियों द्वारा दिया जा रहा है. ये प्रशिक्षक अपनी अति व्यस्त ड्यूटी के अतिरिक्त समय निकालकर पूर्ण तत्परता से इन बच्चों के उज्जवल भविष्य हेतु कार्यरत है. इन छात्रों को शिक्षा और पठन, लेखन और अन्य आवश्यक सामग्री भी सेनानी उपलब्ध कराई गई है.

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वहीं सुदुर क्षेत्रों के इन छात्रों के अभिभावकों द्वारा इस प्रकार से चलाए जा रहे कोचिंग क्लासों में अपने बच्चों को समय पर भेज रहे हैं. उपस्थित छात्र उत्साह से प्रवेश परीक्षा में सफल होने के लिए बढ़-चढ़कर प्रशिक्षण ले रहे हैं. सेनानी द्वारा अवगत कराया गया कि, इस क्षेत्र के बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए हम अपना पूर्ण सहयोग देंगें. इनका चयन होना, बच्चों के माता-पिता के साथ-साथ बल की भी उपलब्धी होगी. ग्रामीणों और छात्रों के अभिभावकों द्वारा बल के इस प्रकार के योगदान की काफी प्रशंसा की जा रही है.

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कमांडेंट समर बहादुर सिंह ने कहा, हमने एक प्रयास किया है. जवानों के साथ मिलकर गस्त के साथ ही जवान ग्रामीण बच्चों को अच्छे स्कूलों के प्रवेश एग्जाम के लिए त्यार करें ग्रामीण अंचलों के अंदर रहने वाले छात्र बेहतर स्कूलों मे प्रवेश ले सके.