बीजेपी के तेज-तर्रार प्रवक्ता संबित पात्रा को ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. संबित पात्रा पेशे से सर्जन और दिल्ली के एक अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी भी रह चुके हैं. अब देखना होगा बीजेपी का यह दांव कितना असरदार होता है.

पुरी. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को बीजेपी ने ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. उनके इस सीट से चुनाव लड़ने के कयास कई दिनों से लगाए जा रहे थे. संबित ओडिशा से ही ताल्लुक रखने वाले हैं. लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की दूसरी लिस्ट में 36 उम्मीदवारों के साथ संबित पात्रा का भी नाम शामिल है. टिकट मिलने के बाद उन्होंने अपने ऑफिशल ट्विटर अकाउंट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया.

  •  2012 में दिल्ली निकाय चुनाव में कश्मीरी गेट से चुनाव लड़ चुके हैं संबित पात्रा, हारने के बाद बीजेपी नेतृत्व की पड़ी नजर

उन्होंने लिखा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और सभी सीईसी सदस्यों का मेरे जैसे एक अदने कार्यकर्ता को भगवान जगन्नाथ की भूमि से टिकट देकर भरोसा जताने के लिए धन्यवाद देता हूं. जय जगन्नाथ’ बता दें कि संबित पात्रा पेशे से सर्जन रह चुके हैं 2014 में उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया और उसके बाद उनकी पहचान एक तेज तर्रार प्रवक्ता के रूप में हो गई जो अक्सर टीवी डिबेट में अपने जोरदार तर्कों से विपक्ष के नेताओं का मुंह बंद कराते देखे जाते हैं.

  • पेशे से सर्जन और दिल्ली के एक अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर रह चुके हैं संबित, 2011 में बीजेपी में हुए शामिल

उन्होंने 1997 में ओडिशा के संबलपुर से वीएसएस मेडिकल कॉलेज ऐंड अस्पताल से एमबीबीएस किया था. फिर 2002 में कटक के उत्कल यूनिवर्सिटी में एससीबी मेडिकल कॉलेज से मास्टर ऑफ सर्जरी किया था. इसके बाद 2003 में यूपीएससी कंबाइंड मेडिकल सर्विसेस क्वॉलिफाइ किया और दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर नियुक्त हुए थे. तब उनकी पहचान एक शांत स्वभाव वाले सर्जन की हुआ करती थी जो अक्सर भगवतगीता के श्लोकों का उच्चारण करते थे. उन्होंने दिल्ली के कई बीजेपी नेताओं से पहचान बना ली थी.

स्तेथोस्कोप लेकर करते थे प्रचार

इसके बाद वह 2011 में बीजेपी में शामिल हुए और दिल्ली यूनिट के प्रवक्ता चुने गए. इसके बाद वह केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और डॉ. हर्ष वर्धन के भी खास हो गए. 2012 में उन्हें दिल्ली निकाय चुनाव में कश्मीरी गेट वार्ड से बीजेपी उम्मीदवार चुना गया था. तब वह गले में स्तेथोस्कोप डालकर प्रचार किया करते थे और सिर्फ विकास के मुद्दे को प्रचार में शामिल करते थे.

  • लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की दूसरी लिस्ट में ओडिशा की पुरी सीट से पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा का नाम

पीएम मोदी के भी पुरी से चुनाव लड़ने की चर्चा थी

भले ही संबित चुनाव बुरी तरह हार गए लेकिन केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की नजर में वह खास हो गए. फिर उन्हें 2014 में बीजेपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता घोषित किया गया और तबसे टीवी की लगभग हर डिबेट में वह बीजेपी की तरफ से प्रतिनिधित्व करने लगे. बता दें कि ओडिशा की पुरी सीट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी चुनाव लड़ने की चर्चा थी हालांकि संबित पात्रा का नाम लिस्ट आने के बाद अब स्पष्ट हो गया है.

ओडिशा-पश्चिम बंगाल में गैर-बीजेपी, गैर-कांग्रेसी दल की सत्ता

वाराणसी के साथ ओडिशा की सीट का चर्चा में आना इस बात का स्पष्ट संदेश है कि बीजेपी यूपी के अलावा दूसरे उत्तरी-पश्चिमी राज्यों पर नजर बनाए हुए है. बीजेपी पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में अच्छे प्रदर्शन की योजना बना रही है जहां गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी दल सत्ता में हैं. बता दें कि कुछ समय पहले हुए विधानसभा चुनाव में हिंदी हार्टलैंड की तीन सीटें- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार से बीजेपी को करारा झटका लगा था. वहीं यूपी में समाजवादी पार्टी (एसपी)-बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के गठबंधन से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऐसे में बीजेपी दूसरे महत्वपूर्ण राज्य जैसे पश्चिम बंगाल और ओडिशा में संगठन को मजबूत करने पर जोर दे रही है.

कभी बीजेपी के खाते नहीं रही पुरी सीट

पुरी लोकसभा सीट 1952 के पहले चुनाव से अब तक कभी जनसंघ या बीजेपी के खाते में नहीं रही. फिलहाल इस सीट से बीजेडी के पिनाकी मिश्रा सांसद हैं, लेकिन धार्मिक नगरी से बीजेपी को बड़ी उम्मीदें हैं और वह इसे पूर्वी भारत में हिंदुत्व की प्रयोगशाला के तौर पर देख रही है. बीजेपी की नजर ओडिशा में लोकसभा के अलावा विधानसभा चुनाव में भी पुरी के जरिए अपनी स्थिति मजबूत करने पर है. अब देखना यह होगा कि भगवान जगन्नाथ की भूमि से संबित पात्रा को उम्मीदवार बनाने का बीजेपी का यह प्रयोग कितना असरदार होता है.