धमतरी। वैसे तो देश के कई जगहों में पिंडदान किया जाता है, परंतु धमतरी का महानदी घाट मंगलवार को मोक्ष की धरती ‘गया’ से कम नहीं रहा. जिनके अपने नहीं है ऐसे मृत आत्माओं का सामूहिक पिंडदान किया गया. लावारिस एवं असहाय मृतकों के लिए संकल्पित स्वर्गधाम सेवा समिति ने करीब 374 मृतकों को अन्तिम संस्कार के साथ पिण्डदान कर मानवता का परिचय दिया.
स्वर्गधाम सेवा समिति की नींव 2004 में रखी गई थी और तब से लेकर आज समिति लीक से हटकर काम रही है लावारिश लाशों का विधिवत अंतिम संस्कार करने के साथ ही हर साल पितृ पक्ष में अज्ञात मृत आत्माओं की शांति के लिए पिंडदान करती है.
13 साल के सफर में कुल 374 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार अब तक समिति ने किया है. इस दौरान ऐसी कई लाशें भी मिलीं, जिन्हें शायद कोई देख भी न पाए. सड़ी-गली कंकाल बनी व कीड़े लगी लाशों का भी स्वर्गधाम सेवा समिति ने पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया. समिति द्वारा इन मृत आत्माओं की शांति के लिए पितृ पक्ष में सामूहिक पिंडदान किया जाता है.
स्वर्गधाम सेवा समिति के महासचिव अशोक पवार बताते है कि वे दो दशक पहले वर्ष 1994 में जिला अस्पताल पहुंचे थे, तब उनकी नजर अस्पताल में पड़ी एक महिला की लाश पर गई. दूसरे दिन फिर जब वे अस्पताल आए, तब भी महिला की लाश उसी स्थान पर पड़ी थी. यह माजरा देख उनका दिल पसीज गया. इसके बाद उन्होंने एेसी लाशों को सद्गति देने के बारे में सोची और अपने दोस्ताें से चर्चा की, तब एवंत गोलछा ने भी इस सेवा कार्य के लिए हामी भरी. लंबे इंतजार के बाद वर्ष 2004 में समिति का गठन हुआ और इसके साथ ही लावारिस लाशों को सदगति देने का सफर भी शुरू हो गया. समिति के कार्य से प्रभावित होकर लोग भी जुड़ते गए. यदि किसी गांव में लाश मिलती है, तो लोग अब पहला फोन पुलिस को नहीं, बल्कि स्वर्गधाम सेवा समिति को करते हैं.