आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. रेत माफियाओं को प्रशासन और खनिज विभाग ने खुली छूट दे रखी है. यही वजह है कि, बंद रेत घाटों से अवैध उत्खनन चल रहा है. रेत माफिया बिना रॉयल्टी के रेत बेचकर शासन को राजस्व का चूना लगा रहे हैं. खनिज उड़नदस्ता के द्वारा परिवहन में लगे वाहनों को जब्त कर कार्रवाई की औपचारिकता निभाई जाती है. जबकि रेत घाटों में उत्खनन में लगे वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

बस्तर जिले में रेत माफियाओं के हौसले इस तरह बुलंद है कि रेत खदानों के विधिवत टेंडर के बाद भी जिस घाट से उत्खनन नहीं होना है वहां पर भी जेसीबी लगाकर धड़ल्ले से नदियों से रेत निकाला जा रहा है. जिले के चपका मारकंडे नदी और नारंगी नदी में जोरों पर खनन चल रहा है. इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं है.

वहीं जब हमने इस खनन को लेकर बस्तर एसडीएम ओम प्रकाश वर्मा से जानकारी लेनी चाही तो पता चला कि, उनको इस संबंध में जानकारी ही नहीं है. उनका कहना है कि, आप के माध्यम से हमें जानकारी मिली है. इससे यह स्पष्ट होता है कि, रेत उत्खनन तो बड़े पैमाने पर जारी है. लेकिन अधिकारी कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं. उनके ही क्षेत्र में खनन हो रहा है और उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है.

उनका कहना है कि, इस तरह के खनन हो रहे हैं. हम इसकी जानकारी लेंगे और मौके पर जो भी इस तरह के खनन करते हुए पाए जाएंगे उस पर भूं-राजस्व संहिता के द्वारा 247 के तहत जब्ती की कार्रवाई के साथ जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने माइनिंग कर्मचारियों को भेजकर 2 दिनों में कार्रवाई करवाने की बात कही है.