बालासोर. ओडिशा के बालासोर जिले में रेत माफिया की गुंडागर्दी रुकने का नाम नहीं ले रही है. मयूरभंज जिले में एक राजस्व अधिकारी पर हमले के एक सप्ताह बाद अब बालासोर में जूनियर माइनिंग ऑफिसर तपस कुमार बेहरा रेत माफिया के हमले का शिकार हुए हैं. रेमुणा के काठसगड़ा इलाके में बूढ़ाबलंग नदी के तट पर अवैध रेत खनन की सूचना पर छापेमारी के दौरान माफिया ने बेहरा पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, तपस कुमार बेहरा अपने एक सहकर्मी के साथ अवैध रेत खनन की जांच के लिए काठसगड़ा पहुंचे थे. जैसे ही उन्होंने खनन स्थल पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की, रेत माफिया ने उनके वाहन को रोका, उन्हें बाहर खींचा और अमानवीय ढंग से पिटाई की. हमले में बेहरा के सिर पर गंभीर चोटें आईं. इस घटना के संबंध में स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है.

यह घटना मयूरभंज जिले में 2 जून 2025 को हुई एक अन्य घटना की याद दिलाती है, जहां कप्तिपदा के अतिरिक्त तहसीलदार भीमा कांत माझी पर रेत माफिया ने हमला किया था. अलोक राउत के नेतृत्व में माफिया और उनके सहयोगियों ने माझी के वाहन को आग के हवाले कर दिया और उनकी जाति को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां कीं. यह हमला कप्तिपदा पुलिस स्टेशन के सामने हुआ था, जिसने सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे. उस मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और राजस्व मंत्री ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी.

बालासोर में ताजा हमले ने एक बार फिर रेत माफिया की बेलगाम गतिविधियों और अधिकारियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं. रेत माफिया की बढ़ती हिम्मत और बार-बार होने वाले हमलों ने प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है.