शिवसेना (UBT) अब भारत के मुख्य न्याधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की निष्पक्षता पर सवाल उठा रही है. संजय राउत ने तो CJI को शिवसेना से जुड़े मामले से अलग होने की नसीहत तक दे दी है. संजय राउत ने सवाल ऐसे समय पर उठाए हैं, जब एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, CJI के आवास पर पहुंचे थे और गणेश पूजा में शामिल हुए थे. BJP ने इसे सिर्फ पूजा में शामिल होना करार दिया है.
PM मोदी ने इससे जुड़ी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की है. उन्होंने लिखा, ‘CJI न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ जी के आवास पर गणेश पूजा में शामिल हुआ. भगवान श्री गणेश हम सभी को सुख, समृद्धि और अद्भुत स्वास्थ्य प्रदान करें.’
संजय राउत ने PM मोदी के CJI के घर जाने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, ‘देखिए, यह गणपति जी का त्योहार है. प्रधानमंत्री अब तक कितने लोगों के घर गए हैं? मुझे जानकारी नहीं है. दिल्ली में कई स्थानों पर गणेश त्योहार मनाया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री मुख्य न्यायाधीश के घर पर गए और प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश ने साथ मिलकर आरती की.’
उन्होंने कहा, ‘भगवान के बारे में हमें इतना पता है कि अगर संविधान के रक्षक इस तरह से राजनेताओं से मिलेंगे, तो लोगों को शक होगा.’ उन्होंने कहा कि एक केस में पार्टी प्रधानमंत्री को मुख्य न्यायाधीश के साथ ऐसे करीबी होकर बात नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘बीते 3 सालों से एक के बाद एक तारीखें दी जा रही हैं. एक अवैध सरकार चल रही है.’ उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना को तोड़े जाने पर सवाल उठाए हैं.
CJI को केस से हटने की सलाह
संजय राउत ने CJI चंद्रचूड़ को महाराष्ट्र सरकार से जुड़े केस से हटने की सलाह दी है. संजय ने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि ऐसी परंपरा है कि ऐसे मामलों में अगर जज और पार्टी का कोई संबंध होता है, तो वह खुद के केस से अलग कर लेते हैं. अब मुझे लगता है कि चंद्रचूड़ साहब को खुद को इससे अलग कर लेना चाहिए.’
शिवसेना (UBT) की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, ‘ठीक है, त्योहार के बाद उम्मीद है कि CJI महाराष्ट्र पर सुनवाई और महाराष्ट्र में संविधान के अनुच्छेद 10 के उल्लंघन पर सुनवाई को ठीक समझेंगे. अरे, लेकिन चुनाव तो बस आ ही गए, ये अगले दिन के लिए स्थगित की जा सकती है.’
यहां भी उठे सवाल
एडवोकेट प्रशांत भूषण ने भी PM मोदी के CJI के आवास पर जाने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, ‘हैरानी है कि CJI चंद्रचूड़ ने निजी मुलाकात के लिए मोदी को उनके घर आने दिया. इससे न्यायपालिका के लिए बुरे संकेत मिलते हैं. न्यायपालिका, जिस पर कार्यपालिका से नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है और यह सुनिश्चित करती है कि सरकार संविधान के दायरे में रहकर काम करे. यही वजह है कि कार्यपालिका और न्यायपालिका में दूरी होनी चाहिए.’
भाजपा ने विरोधियों पर उठाए सवाल
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बीएल संतोष ने PM मोदी के CJI के आवास पर जाने के विरोधियों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने लिखा, ‘रोना शुरू हो गया!!! इन वामपंथी उदारवादियों के लिए शिष्टाचार, सौहार्द, एकजुटता, देश की यात्रा में सहयात्री, ये सब अभिशाप हैं. यह सामाजिक मिलना-जुलना नहीं था, गणपति पूजा को पचा पाना बहुत मुश्किल है.’
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उन्होंने एडवोकेट इंदिरा जयसिंह पर सवाल उठाए थे. जयसिंह ने सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल को टैग कर SCBA से इस मुलाकात की सार्वजनिक रूप से निंदा करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि इसके चलते CJI की स्वतंत्रता पर से भरोसा उठ गया है.
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘गणेश पूजा में शामिल होना कोई अपराध नहीं है. शुभ समारोहों, शादियों, कार्यक्रमों में कई मौकों पर न्यायपालिका और राजनेता मंच साझा करते हैं. लेकिन अगर प्रधानमंत्री CJI के घर पर इसमें शामिल होते हैं, तो उद्धव सेना के सांसद CJI और सुप्रीम कोर्ट की अखंडता पर सवाल उठाते हैं. कांग्रेस ईकोसिस्टम सुप्रीम कोर्ट पर ऐसे हमले करता है, जैसे राहुल गांधी ने पूर्व में किए थे. यह न्यायालय की शर्मनाक अवमानना और न्यायपालिका का अपमान है.’
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