पटना। भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक संतुलन साधते हुए अपराजेय विधायक संजय सरावगी को बिहार भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। वे निवर्तमान अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की जगह लेंगे जिन्हें नई सरकार में मंत्री बनाया गया है। पार्टी के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत यह बदलाव किया गया है। इस नियुक्ति को मिथिलांचल को बड़ी राजनीतिक भागीदारी देने के तौर पर भी देखा जा रहा है।

मिथिलांचल के कद्दावर नेता

वैश्य समाज से आने वाले संजय सरावगी मिथिलांचल के प्रभावशाली और जमीन से जुड़े नेताओं में गिने जाते हैं। वे दरभंगा जिले के गांधी चौक बड़ा बाजार इलाके के मूल निवासी हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज कर अपनी अपराजेय छवि को और मजबूत किया। पार्टी के भीतर उनकी पहचान एक कर्मठ, अनुशासित और जिम्मेदारी निभाने वाले नेता की रही है।

छात्र राजनीति से शीर्ष नेतृत्व तक

28 अगस्त 1969 को जन्मे संजय सरावगी ने छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ काम किया। वर्ष 1995 में उन्होंने औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता ली और युवा मोर्चा से संगठनात्मक राजनीति की शुरुआत की। नगर मंडल अध्यक्ष, जिला महामंत्री, प्रदेश गोवंश प्रकोष्ठ संयोजक, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और कई जिलों में संगठन प्रभारी जैसे अहम दायित्व निभाते हुए वे अब प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने एमकॉम और एमबीए की डिग्री प्राप्त की है।

लगातार चुनावी सफलता

संजय सरावगी ने 2005 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद 2010, 2015, 2020 और 2025 में लगातार जीत दर्ज की। 2025 में उन्होंने महागठबंधन के वीआईपी उम्मीदवार उमेश सहनी को 24,593 मतों से हराया। इससे पहले 2020 में आरजेडी के अमरनाथ गामी और 2015 में ओमप्रकाश खेड़िया को पराजित किया। वे दो कॉलेजों के शासी निकाय अध्यक्ष और दो विश्वविद्यालयों के अभिषद सदस्य भी हैं।