Sankashti Chaturthi 2024 : संकष्टी चतुर्थी श्री गणेश भगवान की पूजा अर्चना को समर्पित है इस दिन भक्त भगवन की विधि विधान से पूजा करते हैं और उपवास भी रखते है ऐसा कहा जाता है कि इस दिन श्री गणेश की आराधना श्रेष्ठ होती है. भगवान गणेश की पूजा आराधना करने से सभी प्रकार के विघ्न समाप्त हो जाता है. इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. वहीं, ज्येठ महीना का प्रारम्भ हो चूका है.
26 मई को जेठ महीना का पहला संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है. संकष्टी चतुर्थी के दिन इस शुभ योग में चंद्रमा को अर्घ प्रदान करते है, तो सारी विघ्न समाप्त हो जाएगा. सभी प्रकार के मनोकामना पूर्ण हो जाएगा.
इस दिन अगर पूरी निष्ठा और भाव के साथ भगवान श्री गणेश की पूजा और उनके पंचरत्न स्तोत्र का पाठ किया जाए तो कार्यों में सफलता हासिल होती है. इसका पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है. लेकिन संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है. जो भी भक्त प्रातःकाल में गणेश पंचरत्न स्तोत्र का पाठ करता है, जो भगवान गणेश के पांच रत्न अपने शुद्ध हृदय में याद करता है. तुरंत ही उसकी मांगी गई मनोकामना पूरी होती है.
वह शिक्षा के शिखर को प्राप्त करेगा, जीवन शांति, सुख के साथ आध्यात्मिक और भौतिक समृद्धि के साथ सम्पन्न हो जाता है. धार्मिक मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं. साथ ही सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है. यदि आप संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश से खुद के घर के लिए प्रार्थना करते हैं तो वह अवश्य पूरी होती है.
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