संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जो गणेश जी की आराधना के लिए मनाया जाता है. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश के लिए व्रत रखा जाता है. इस दिन पूजा करने से घर से हर प्रकार की नकारात्मक प्रभाव और ऊर्जा खत्म हो जाती है.
संकष्टी चतुर्थी का महत्व (Sankashti Chaturthi 2024 Mahatav)
इस पर्व का महत्व गणेश जी की आराधना से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से समस्त बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस पर्व को मनाने से व्यक्ति को अपने जीवन में सकारात्मकता और आशावाद की प्राप्ति होती है. Read More – 1 साल बाद Honey Singh को आई बहन की याद, सरप्राइज देने मेलबर्न पहुंचे सिंगर …
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Sankashti Chaturthi 2024 Shubh Muhurat)
आश्विन मास की चतुर्थी तिथि 20 सितंबर यानी कल रात 9 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 21 सितंबर यानी आज शाम 6 बजकर 13 मिनट पर होगा. श्रीगणेश की पूजा का समय- सुबह 7 बजकर 40 मिनट से सुबह 9 बजकर 11 मिनट तक. शाम की पूजा- शाम 6 बजकर 19 मिनट से रात 7 बजकर 47 मिनट तक.
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि (Sankashti Chaturthi 2024 Poo)
इस पर्व को मनाने के लिए व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और फिर गणेश जी की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए. पूजा में गणेश जी को मोदक, लड्डू, और अन्य भोग लगाए जाते हैं. इसके बाद व्यक्ति को गणेश जी की आरती करनी चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए. उसके बाद पूजा घर के ईशान कोण में एक चौकी रखें. उसपर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें. फिर, गणेश जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. Read More – 1 साल बाद Honey Singh को आई बहन की याद, सरप्राइज देने मेलबर्न पहुंचे सिंगर …
पूजन विधि शुरू करते हुए गणेश जी को जल, दूर्वा, अक्षत, पान अर्पित करें. गणेश जी से अच्छे जीवन की कामना करें और इस दौरान “गं गणपतये नमः:” मंत्र का जाप करें. प्रसाद में गणेश जी को मोतीचूर के लड्डू, बूंदी या पीले मोदक चढ़ाएं. आखिरी में, पूजन संपन्न करते हुए त्रिकोण के अगले भाग पर एक घी का दीया, मसूर की दाल और साबुत मिर्च रखें. पूजा संपन्न होने पर दूध, चंदन और शहद से चंद्रदेव को अर्घ्य दें. फिर प्रसाद ग्रहण करें.
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