कुमार इन्दर, जबलपुर। गीता में कहा गया है कि मनुष्य जैसा कर्म करता है वैसा ही फल पाता है. यही वजह है कि संस्कारधानी जबलपुर की बेटी सुरभि मुले ने अपने कर्म ओर मेहनत के बल पर आज एक ऐसा कीर्तिमान बनाया है, जिसे तोड़ना किसी के लिए आसान नहीं होगा. दरअसल, जबलपुर की बेटी सुरभि ने श्रीमद्भागवत गीता को महज 6 घण्टे 17 मिनट में अर्थ समेत व्याख्या कर सभी को हैरत में डाल दिया है और एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया.
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बता दें कि सुबह 8 बजकर 15 मिनट से सुरभि ने जजेज के सामने श्रीमदभागवत गीता का पाठ अर्थ सहित सुनाना शुरू किया था. जिसे 6 घंटे 17 मिनित में पूरा कर दिया. खास बात ये है कि सुरभि को छठवें अध्याय के बाद ब्रेक लेना था, लेकिन वो रुकी नहीं और लगातार गीता का पाठ करते हुए आठवें अध्याय तक पहुंच गईं. जिसके बाद चंद मिनट का ब्रेक लेकर सुरभि अपने लगन के साथ फिर आगे की ओर बढ़ गई. ऐसे में वो पल आ ही गया जब सुरभि श्रीमद्भागवत गीता के 18 अध्याय पर पहुंची और उसका वाचन जारी रखा.
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वहीं 14 साल की छोटी उम्र में गीता ने जब 700 श्लोकों का कंठस्थ पाठ करते हुए व्याख्या की तो निर्णायक भी हैरान हो गए. ऐसे में उसकी लगन और आस्था के चलते सुरभि मुले ने श्रीमदभगवत गीता का निरंतर अर्थ सहित पाठ करके इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर लिया है. सुरभि मुले दसवीं कक्षा की विद्यार्थी हैं और आठ वर्ष की उम्र से अपनी दादी विजया मुले से भगवत गीता को अर्थ सहित पढ़ना सीख रही हैं। छात्रा गीता 18 अध्यायों के 700 श्लोकों को निरंतर सुनाती हैं वो भी प्रत्येक श्लोक के अर्थ के साथ.
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