हेमंत शर्मा, इंदौर। हाईप्रोफाइल संत भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में इंदौर जिला कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। संत भय्यू महाराज को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में शिष्या पलक पिता गोपाल पौराणिक 25 वर्ष निवासी सुदामा नगर इंदौर, शरद पिता बंसतराव देशमुख 34 वर्ष ग्राम निम्बा, जिला अकोला, महाराष्ट्र और विनायक पिता काशीनाथ दुधाड़े 42 वर्ष निवासी ग्राम लोली हवेली, जिला अहमद नगर महाराष्ट्र को जिला अपर सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र सोनी ने 6-6 साल की सजा सुनाई है।

बता दें कि 12 जून 2018 को संत भय्यू महाराज ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से कनपटी पर गोली मारकर की आत्महत्या कर ली थी। इस सनसनीखेज हाइप्रोफाइल आत्महत्या मामले में महाराज को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में तीन सेवादार विनायक, केयर टेकर पलक और ड्राइवर शरद को कोर्ट ने दोषी माना है।

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इस मामले में कोर्ट में तीन साल तक प्रकरण चला। तीन में 150 पेशी हुई और लगभग 32 लोगों की गवाही हुई है। सभी अभियुक्तों को धारा 304 सहपठित धारा 120 बी के तहत सश्रमकारावास और 500- 500 रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। अर्तदंड की राशि जमा नहीं करने पर 4-4 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

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आरोपी पक्ष के वकील धर्मेंद्र गुर्जर ने पलक, विनायक और शरद की तरफ से रखा अपना पक्ष रखा था। तीनो आरोपियों की पेशी जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। भय्यू महारज की दूसरी पत्नी ने तीनों सेवादारों पर उन्हें ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने उनके आरोप को सही मानते हुए सजा सुनाई है।

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