पटना। बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सुमन ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष सुनना ही नहीं चाहता और उसका काम केवल विवाद खड़ा करना है। उन्होंने कहा कि आज की कार्यवाही में साफ दिखा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं था इसलिए वे सदन से बाहर चले गए। मंत्री ने दावा किया कि सरकार जनता को दिया गया जनादेश पूरी निष्ठा से निभा रही है और विकास कार्य सही ढंग से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता ने विपक्ष को नकार दिया है इसलिए वे अनावश्यक भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए विधायकों को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को नमन करते हुए सदन से भी हाथ उठाकर सम्मान प्रकट करने का आह्वान किया। हालांकि आरजेडी विधायकों ने हाथ नहीं उठाया, जिस पर मुख्यमंत्री ने पूछा कि वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं और उन्हें भी ऐसा करने के लिए कहा।
कटाव का मुद्दा उठाया
चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री बिहार में जारी विकास कार्यों की जानकारी दे रहे थे। तभी आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने मनेर इलाके में हो रहे कटाव का मुद्दा उठाया। इस पर सीएम ने कहा कि पहले वे उनकी पूरी बात सुन लें। भाषण के समापन पर भी मुख्यमंत्री ने दोबारा आरजेडी विधायकों से पूछा कि वे नमन क्यों नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि उन्हें दो बार मौका दिया गया, उनके साथ विकास भी किया गया, लेकिन जब गड़बड़ी हुई तो संबंध समाप्त करना पड़ा। नीतीश ने स्पष्ट कहा कि अब वे फिर कभी आरजेडी के साथ नहीं जाएंगे।
पीएम को अपमानित करने मुद्दा उठाया
सदन में पीएम को अपमानित करने और छठ पर्व को लेकर की गई टिप्पणी का मुद्दा भी गरमाया। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री को मां की गाली दी गई और छठी मैया का अपमान किया गया। उन्होंने कहा कि छठ को ड्रामा बताने वालों को आज जनता ने सबक सिखा दिया है और वे सदन में एक कोने में सिमट गए हैं। इसी बीच विपक्ष की ओर से भी सत्तापक्ष पर हमला बोला गया। राजद विधायक और विपक्ष के मुख्य सचेतक कुमार सर्वजीत ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके माता-पिता ने उनका नाम राजा की तरह रखा था, लेकिन अब उन्हें बुलडोजर बाबा कहा जा रहा है। पत्रकारों से पूछने पर पता चला कि गरीबों के घरों को गिराने के कारण यह उपनाम दिया गया है। उन्होंने सम्राट चौधरी से अपील की कि डिप्टी सीएम बनने के बाद गरीबों की झोपड़ियां उजाड़कर अपना नामकरण न करें।
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