कवर्धा. राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है. सांसद पांडेय ने बताया कि बीते दिनों उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन धर्म मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह है और इसका विरोध नहीं, बल्कि खात्मा किया जाना चाहिए. उनका यह बयान उनकी घृणित मानसिकता को प्रदर्शित करता है. कांग्रेस सहित आइएनडीआइए के घटकों के किसी बड़े नेता ने उदयनिधि के नफरती बयान की निंदा नहीं की.

सांसद पांडेय ने कहा, लालू यादव, नीतीश कुमार से लेकर खुद को हनुमान भक्त बताने वाले अखिलेश यादव और खुद को शिव भक्त बताने वाले राहुल गांधी भी मौन साध गए. उनका मौन इसलिए हैरान करता है, क्योंकि वह मोहब्बत की दुकान चलाने का दावा करते हैं. क्या उन्हें इसका भान है कि उनकी इस दुकान के एक भागीदार उसमें कितना नफरती माल बेच रहे हैं?

सांसद पांडेय ने कहा कि क्या उदयनिधि का बयान वाकई ‘जुड़ेगा भारत जीतेगा इंडिया’ नारे के अनुरूप है? कांग्रेस के कुछ नेताओं ने उनका न केवल बचाव किया, बल्कि उन्हें सही भी ठहराया। इनमें है कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे एवं कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे और पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम प्रमुख हैं. राहुल गांधी के करीबी और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक तरह से उदयनिधि का समर्थन करते हुए कहा, ‘हम सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखते हैं, लेकिन आपको यह भी समझना होगा कि सभी दलों को अपनी बात कहने की आजादी है.’ इससे साफ है कि उन्होंने उदयनिधि के बयान पर अभिव्यक्ति की आजादी की चादर डाल दी. यदि उदयनिधि का द्वेष भरा बयान अभिव्यक्ति की आजादी है तो फिर हेट स्पीच क्या होती है? हेट स्पीच पर हल्ला मचाने वाले सेक्युलर-लिबरल तत्वों की चुप्पी पर भी गौर करें. ऐसा लगता है कि उन्हें सांप सूंघ गया है.