Sarla Aviation Air Taxi Testing: भारत में एयर टैक्सी शुरू होने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। एयरोस्पेस स्टार्टअप सरला एविएशन भारत में Air Taxi सेवा शुरू करने के लिए तैयारी में जुट गई है। कंपनी ने अपने पहले एयर टैक्सी प्रोग्राम की ग्राउंड टेस्टिंग भी शुरू कर दी है। ग्राउंड टेस्टिंग शुरू होने के साथ ही सरला एविएशन का एयर टैक्सी प्रोग्राम अपने कोर वैलिडेशन फेज में प्रवेश कर गया है। बेंगलुरु स्थित मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में शुरू हुआ यह परीक्षण न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारत के निजी एयरोस्पेस सेक्टर के लिए भी एक ऐतिहासिक पड़ाव माना जा रहा है।
कंपनी का दावा है कि, बेहद कम निवेश में इस मुकाम तक पहुंचना अपने आप में असाधारण उपलब्धि है। 2028 तक लोकल कम्यूट के लिए इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी लॉन्च करने की योजना के साथ सरला एविएशन अब कॉन्सेप्ट से हकीकत की ओर तेजी से बढ़ रही है।
सरला एविएशन का फ्लैगशिप प्रोग्राम एक 6-सीटर इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी है, जिसे बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली और पुणे जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले शहरों में कम्यूट टाइम को घटाने के लिए डिजाइन किया गया है। गौरतलब है कि 2024 में बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी शुरू करने के लिए सरला एविएशन के साथ साझेदारी की थी। दोनों संस्थाओं के बीच सस्टेनेबल एयर मोबिलिटी को लेकर एक स्टेटमेंट ऑफ कोलैबोरेशन साइन किया गया था, जिसमें विशेष रूप से eVTOL एयरक्राफ्ट पर फोकस रखा गया है। ग्राउंड टेस्टिंग की शुरुआत के साथ अब यह सपना और ज्यादा ठोस रूप लेता दिख रहा है, जो आने वाले समय में भारत के शहरी परिवहन की परिभाषा बदल सकता है।
डिजिटल डिजाइन से टेस्टिंग तक का सफर
ग्राउंड टेस्टिंग शुरू होने के साथ ही सरला एविएशन का एयर टैक्सी प्रोग्राम अपने कोर वैलिडेशन फेज में प्रवेश कर गया है। कंपनी के मुताबिक यह फेज डिजिटल कॉन्सेप्ट और लैब-स्केल प्रयोगों से आगे बढ़ते हुए रियल एयरक्राफ्ट-स्केल टेस्टिंग की दिशा में एक बहुत बड़ा और निर्णायक कदम है। यह वह फेज होता है, जहां किसी भी विमान कार्यक्रम की इंजीनियरिंग क्षमता और सिस्टम की परिपक्वता वास्तविक रूप से परखी जाती है।
कम समय, कम पूंजी और बड़ी उपलब्धि
कंपनी ने दावा किया है कि करीब 9 महीनों के डेवलपमेंट वर्क में और ग्लोबल लेवल पर इस तरह के प्रोग्राम में लगने वाली पूंजी के मुकाबले बेहद कम निवेश में इस मुकाम तक पहुंचना अपने आप में असाधारण उपलब्धि है। यह माइलस्टोन भारत की किसी निजी एयरोस्पेस कंपनी द्वारा अब तक प्रदर्शित इंजीनियरिंग स्केल, एग्जीक्यूशन स्पीड और सिस्टम मैच्योरिटी का नया माइलस्टोन बनाता है।
SYL-X1 डेमॉन्स्ट्रेटर
सरला एविएशन के को-फाउंडर और चीफ टेक्निकल ऑफिसर राकेश गोंकर ने कहा कि मौजूदा समय में परीक्षण के लिए तैयार किया गया SYL-X1 एक फंक्शनल सब-स्केल एयरक्राफ्ट है, जिसे स्ट्रक्चरल बिहेवियर, प्रोपल्शन इंटीग्रेशन और सिस्टम-लेवल सेफ्टी आर्किटेक्चर को सार्थक स्केल पर परखने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह कोई अकादमिक प्रोटोटाइप या छोटा आरसी-स्केल प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि इसे शुरुआत से ही सर्टिफिकेशन को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। यही डेमॉन्स्ट्रेटर भविष्य में 15 मीटर विंगस्पैन वाले फुल-स्केल एयरक्राफ्ट की नींव बनेगा।
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