शिवम मिश्रा, रायपुर। अपर कलेक्टर होने का हवाला देते हुए सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर सरपंच सहित 17 युवकों से करीबन 23 लाख रुपए की ठगी की. मामले में शिकार बने फरसाबहार, जशपुर के सरपंच की रिपोर्ट पर रायपुर के पंडरी थाना में अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पंडरी थाना पुलिस के मुताबिक, जशपुर जिले के फरसाबहार थाना क्षेत्र स्थित ग्राम सिकिरमा के सरपंच सर्वेश्वर साय के पास 8 जून से 14 जुलाई के मध्य अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें खुद को अंबिकापुर का अपर कलेक्टर निर्मल तिग्गा बताते हुए गांव में रिक्त पदों का हवाला देते हुए सरकारी नौकरी लगाने की बात कही. ठग ने सरपंच को झांसे में लेकर लगभग 9 लाख नगदी और शेष राशि को बैंक के माध्यम से निकाल कर कुल 23 लाख 65 हजार रुपए की ठगी की.

पीड़ित सरपंच को जब ठगी का अहसास हुआ तो उसने पंडरी थाना में आकर मोबाइल धारक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. सरपंच की शिकायत पर अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना की जा रही है. साइबर सेल के माध्यम से मोबाइल नंबर को ट्रेस किया जा रहा है, जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी कर ली जाएगी.

सरपंच सर्वेश्वर साय ने बताया कि मुझे जून में अज्ञात नंबर से कॉल आया था, आरोपी ने खुद को अंबिकापुर में अपर कलेक्टर बताते हुए मुझसे कुछ दिन तक रोजाना सुबह और शाम कॉल कर गांव में कोरोना की स्थिति की जानकारी लेता रहा. इसके साथ गांव मे कितने लोग बेरोजगार है, कौन कितना पढ़ा हुआ है, इसकी जानकारी लेते हुए मुझे सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया. मैं गांव के 17 लोगों से पैसे इकट्ठा किया, जिसके बाद ठग ने मुझे रायपुर आने को कहा. जब मैंने साधन नहीं होने की बात कही तो उसने मेरे लिए लग्जरी कार भेज दी, जिसमें मैं बैठकर रायपुर आया.

रायपुर पहुंचने पर ठग खुद न आकर अपने भतीजे को भेज रहा हूं कह कर मुझे मोवा के पास बुलाया और मुझसे 9 लाख 20 हजार ले लिए. फिर कुछ दिन बाद नौकरी का कन्फर्मेशन लेटर निकल गया है, कहकर मुझसे फिर पैसे देने को कहा, जिसके बाद में दूसरे बार रायपुर आकर फिर से 9 लाख 21 हजार रुपए दिया था. इसके बाद ठग कितने बार रायपुर आओगे परेशान हो जाते हो कह कर मेरा अकाउंट नंबर मांगा.

सरपंच ने बताया कि मेरे पास बैंक अकाउंट नहीं होने पर मैंने अपनी बहन का खाता दे दिया, जिसमें से ठग ने 5 लाख 20 हजार रुपए निकाल लिए, और फिर मुझे कुछ दिनों का काम है बोलकर उसने अपना मोबाइल नंबर बंद कर लिया. लगातार नंबर बंद होने के बाद मुझे ठगी का एहसास हुआ था, जिसकी जानकारी मैंने एसएसपी को देकर पंडरी थाना में शिकायत दर्ज कराई है.