पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। पहले सत्यापन के लिए मोटी रकम मांगने का आरोप और अब विकास कार्यों के लिए स्टीमेट बनाने में भेदभाव का आरोप है. मैनपुर आरईएस में पदस्थ एसडीओ को हटाने के लिए दूसरी बार पंचायत प्रतिनिधि लामबद्ध हुए हैं. अबकी बार जरूरत पड़ने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

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मैंनपुर जनपद में पदस्थ आरईएस एसडीओ उत्तम कुमार चौधरी को हटाने पंचायत प्रतिनिधि लामबंद हो गए हैं. बीते सप्ताह मैनपुर सरपंच संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में सरपंच संघ ने बैठक की कार्रवाई पंजी का विवरण भी संलग्न किया गया है.

संघ का आरोप है कि सरपंच द्वारा विकास कार्य मंजूरी के लिए जरूरी औपचारिकताएं समय पर पूरा नहीं किया जाता. जिन कार्यों को सीधे पंचायत करना चाहती,ऐसे कार्यों के स्थल जांच, स्टीमेट बनाने में ना-नुकुर किया जाता है, जबकि ठेकदार की पकड़ वाले कामों को प्राथमिकता से लिया जाता है. यह आरोप भी लगाया गया है कि निर्माण हो चुके कार्यों में तकनीकी बाधा का भय दिखाकर भारी लेन-देन किया जाता है.

सरपंच संघ अध्यक्ष हलमंत धुर्वा ने बताया कि पिछले पंचवर्षीय में भी कमीशनखोरी का आरोप लगाकर सरपंच संघ ने शिकायत कर हटाने की मांग की थी, लेकिन नहीं हटाए गए. इस बार भी मांग की जा रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. एसडीओ को नहीं हटाया गया तो सड़क पर आंदोलन करने के लिए सरपंच संघ बाध्य होगा.

जनप्रतिनिधियों का मिला समर्थन

सरपंचों की शिकायत पर कई माह पहले जिला पंचायत अध्यक्ष गौरी शंकर कश्यप ने क्लक्टर को पत्र लिख हटाने की मांग किया हुआ है. जुलाई माह में हुए शिकायत का जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम, संजय नेताम ने भी समर्थन कर हटाने कलेक्टर को पत्र लिखा है. मैंनपुर जनपद अध्यक्ष मोहना नेताम, उपाध्यक्ष राजकुमारी राजपूत ने भी कलेक्टर के नाम लिखित ज्ञापन देकर चौधरी को हटाने की मांग किया है.

कौन बचा रहा एसडीओ को

असंतोषप्रद कार्यशैली से नाराज पंचायत प्रतिनिधियों की शिकायत का सिलसिला दो साल से चला आ रहा है. जांच और कार्रवाई हर बार शुरू होती है. लेकिन ऊंची सेटिंग के चलते मामला जिला दफ्तर के फाइलों में दबा दिया जाता है. इस बार भी प्रकरण शुरू कर फाइलों में दबा दिया गया है. लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं.