तनवीर खान, मैहर। मध्य प्रदेश में मैहर जिले के भटूरा पंचायत के अंतर्गत आने वाली नौगवा कांप में आराजी नंबर 5/1 रकबा नंबर 18.992 वन भूमि पर कई वर्षों से अवैध रूप से संचालित क्रेशर की शिकायत मिलने के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते सरपंच ने मामले को लेकर कलेक्टर को लिखित शिकायत की। जिसके बाद कलेक्टर ने खनिज विभाग को इस संबंध में पत्र जारी कर जवाब तलब किया।

खरीदी केंद्र न खोले जाने का खामियाजा भुगत रहे किसान, बारिश से खुले में पड़ा हजारों क्विंटल धान भीगा

दरअसल ये मामला मैहर जिले के भटूरा पंचायत के अंतर्गत आने वाली नौगवा कांप का हैं। अपने अवैध कब्जे बहुत सारे सुनने वाले देखे होंगे। आज हम आपको मैहर के एक ऐसे क्रेशर संचालक के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका क्रेशर कई वर्षों से शासकीय भूमि पर संचालित है। इसका खुलासा फॉरेस्ट विभाग व पटवारी के प्रतिवेदन से खुलासा हुआ है।

जिस जमीन पर क्रेशर संचालित है वह आराजी नंबर 5/1 रकबा नंबर 18.992 वन भूमिवन भूमि मध्य प्रदेश शासन पर संचालित है। लेकिन अजब बात यह रही की सरपंच के शिकायत करने के 7 महीने बाद भी खनिज विभाग, फॉरेस्ट विभाग या अन्य प्रशासनिक किसी भी अधिकारी ने कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी।

कैबिनेट बैठक पर कांग्रेस ने उठाए सवाल: मतगणना को प्रभावित और अफसरों पर दबाव बनाने का प्रयास, कहा- कल के बाद परसों भी आएगा

मैहर के वन विभाग के रेंजर सतीश चंद्र मिश्रा बताया कि, मेरे पास शिकायत नहीं आई है लेकिन कर्मचारियों को भेज कर मौका मवाना करवा रहे हैं। वहीं सरपंच ने पंचायत से पत्र जारी कर संबंधित क्रेशर संचालक से क्रेशर स्थापित करने की दस्तावेज मांगी। लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी संचालक द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए और ना ही ग्राम पंचायत में क्रेशर के संचालन की एनओसी दिखाई गई। मजबूरन बस सरपंच को शासकीय विभागों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जब सरपंच को शासकीय अधिकारी कार्रवाई करते नजर नहीं आए तब उन्होंने 181 में शिकायत दर्ज कराई। जिस पर भी 7 महीने तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

वहीं सरपंच के नवागत कलेक्टर रानी बाटड़ से शिकायत करने के बाद कलेक्टर को खनिज विभाग ने पत्र जारी कर कलेक्टर को यह बताया कि युक्त क्रेशर शासकीय वन भूमि पर संचालित है। पटवारी द्वारा भी प्रतिवेदन बनाया गया जिस पर यह लिखा गया युक्त भूमि वन भूमि है।

नई सरकार गठन से पहले वित्त विभाग में हलचल, नए बजट से पहले वित्तीय मैनेजमेंट करने में जुटा डिपार्टमेंट

अब सवाल यह उठता है कि शिकायत के 7 महीने बाद भी अधिकारी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं थे जिससे संबंधित खनिज विभाग शक के दायरे पर है। वहीं मैहर कलेक्टर से जब हमने इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा की हमारे द्वारा विधिवत तरीके से जांच कराई जा रही है जो भी संलिप्त होंगे कार्रवाई की जाएगी।

मध्य प्रदेश की खबरों को पढ़ने के लिए लल्लूराम डॉट काॅम की इस लिंक पर क्लिक करें
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus