मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। पंचायत चुनाव (Panchayat Election) होने के पहले ही अशोकनगर जिले के चंदेरी तहसील के ग्राम भटौली (Village Bhatauli) में सरपंच तय (Sarpanch fixed before election in village Bhatauli) कर लिया गया है। जी हां…. यहां चुनाव से पहले ही सरपंच चुन लिया गया है। जिले का यह पहला मामला है, जहां सरपंच की बोली लगी है। यहां सरपंच बनने के लिए 44 लाख रुपए की बोली लगाई गई। उसके बाद सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को सरपंच घोषित कर दिया गया गया।
गुरुवार को ग्राम भटौली में राम-जानकी मंदिर पर बैठक बुलाई गई। बैठक में 4 प्रतिभागियों ने सरपंच पद के लिए दावेदारी प्रस्तुत की। ग्रामीणों के बीच प्रतिभागियों ने रुपयों की बोली लगाई। सरपंच पद के लिए बोली 21लाख रुपए से शुरू होकर 44 लाख तक पहुंच गई। अंतिम बोली गांव के ही सोभाग सिंह ने लगाई। सबसे ज्यादा बोली लगाने के प्रतिफल में सौभाग सिंह को ग्रामीणों ने निर्विरोध सरपंच चुनने का एेलान किया। जबकि गांव में तीसरे चरण में भटोली में मतदान होना है।बोली में लगे रकम ग्राम पंचायत और मंदिर के विकास के विकास कार्य पर खर्च किए जाएंगे।
44 लाख में सरपंच चुने जाने को मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर ने बताया अनुचित
चंदेरी तहसील के ग्राम पंचायत भटौली में 44 लाख बोली लगाने वाले प्रतिनिधि को जिले के प्रभारी मंत्री और ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह (Energy Minister Praduman Singh Tomar) तोमर ने अनुचित ठहराया है। अशोकनगर जिला अस्पताल के दौरे पर आए तोमर ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही। जब उन्हें मामले से अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि बोली लगाकर निर्विरोध सरपंच बनना उचित नहीं है। इस मौके पर जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक महोदय भी मौके पर मौजूद रहे।
वहीं मामला सामने आने के बाद अभी तक अशोकनगर कलेक्टर उमा माहेश्वरी (Ashoknagar Collector Uma Maheshwari) इस पूरे मामले में किसी भी तरह का जवाब देने से बचती नजर आ रही हैं।
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