पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक दबंग में एक दबंग सरपंच ने लोगों को डरा धमकाकर सरकारी जमीन पर अवैध रूप से मकान बना लिया है. इतना ही नहीं इस पर जिम्मेदार भी कान दाबकर बैठे हैं. लोग शिकायत पर शिकायत करते गए, लेकिन जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे आज वह मकान को छत के लेवल कर के ढलाई करा दिया. हैरानी की बात ये हैकि पटवारी ने इसे अवैध घोषित कर के जांच रिपोर्ट सौंप दिया था, लेकिन सांठगांठ की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हो सकी.

दरअसल, गोहरापदर सरपंच जादबो नायक द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर गांव के सरकारी जमीन में बिल्डिंग खड़े करने का मामला सामने आया है. सरपंच जब सरकारी जमीन पर नींव खुदाई कर रहा था, तभी इसकी शिकायत हो गई थी.

मामले की शिकायत ग्रामीण महेश नागेश ने 10 मई को तत्कालीन तहसीलदार समीर शर्मा के समक्ष किया था. मौके पर पटवारी पहुंच कर खसरा नंबर 206 में 44.34 वर्ग मीटर पर अवैध कब्जा की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट तहसीलदार को सौंप दिया. इस तिथि तक भवन के कॉलम खड़े किए जा रहे थे.

तहसीलदार ने प्रतिवेदन के आधार पर राजस्व प्रकरण दर्ज किया था. सरपंच को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. जवाब में सरपंच ने क्या दिया यह सार्वजनिक तो नहीं हुआ, लेकिन इस जवाब के बाद काम बन्द करने के बजाए अतिक्रमित भूमि पर सरपंच ने अवैध निर्माण जारी रखा. इतना ही नही शिकायतकर्ताओं को अपने प्रभाव का धौंस भी देता रहा.

शिकायत करता महेश नागेश ने बताया कि दिन रात काम कर उसने अवैध भूमि पर बिल्डिंग खड़ा कर स्लैब की ढलाई भी कर दिया. 23 जुलाई को महेश नागेश ने जनसमस्या निवारण शिविर देवभोग में पहुंचे कलेक्क्तर के समक्ष मामले की दोबारा शिकायत की.

नए तहसीलदार जयंत पाटले ने मामले की दोबारा सुनवाई शुरू कर दी है. पाटले ने बताया कि 1 अगस्त को सरपंच को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. जवाब आते ही उचीत व वैधानिक कार्यवाही की जाएगी.

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