आम तौर पर ईंट भट्टे काम करने वाला एक मजदूर 8 घंटे में अधिकतम 600 ईंट बना सकते है. पर इस मशीन से एक लाख ईटों का निर्माण किया जा सकता है. वहीं 1 घंटे में 12,000 ईंट तैयार होती है. जानिए इस मशीन के बारें में…

हरियाणा के रहने वाले सतीश छिकारा ने फुली ऑटोमेटिक मोबाइल ब्रिक मेकिंग मशीन का निर्माण किया है जो चलते हुए ईट तैयार करती है. Automatic Brick Machine कैसे काम करेगी देखिए Video

ब्रिक मेकिंग मशीन में एक जनरेटर, मिक्सर और ईंट बनाने के लिए एक मोल्ड है. जिसमें धान की भूसी, फ्लाई एश और मिट्टी को एक साथ मिलाया जाता है. इसके बाद कच्चे माल को कन्वेयर बेल्ट की मदद से मशीन में डालकर स्टार्ट कर दिया जाता है. जैसे-जैसे मशीन फील्ड में मूव करती है, ईंट तैयार होकर बाहर आ जाती है और जमीन पर खुद ही बिछ जाती है, इसके बाद सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है.

सतीश छिकारा ने इस मशीन को अपने भाई विलास छिकारा के साथ मिलकर बनाया है. इसे फैक्ट्री ऑफ ब्रिक्स ऑन व्हील्स का नाम दिया है. इस ऑटोमेटेड ब्रिक्स मशीन की लागत 27 लाख रुपये से लेकर 67 लाख रुपये तक की है.

Automatic ईंट Machine का निर्माण कैसे हुआ जानिए

हरियाणा के दोनों भाइयों ने जनवरी 2015 में Bricks machine लांच कर दिया था. उन्होंने लोकल मैन्युफैक्चरर्स की मदद से ब्रिक मेकिंग यूनिट के पार्ट्स जुटाए और मशीन बनाई. इसके बाद SNPC ईंट बनाने वाली इस ऑटोमेटेड मशीन की तकनीक का पेटेंट भी हासिल कर चुकी है. हरियाणा में इसकी मैन्युफैक्चरिंग व असेंबली यूनिट है लेकिन वह कुछ पार्ट्स का प्रोडक्शन, थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरर्स से आउटसोर्स करते हैं. बाजार में मोबाइल ब्रिक मेकिंग मशीन के 5 अलग-अलग मॉडल उतार चुकी है.

जानिए हरियाणा के सतीश छिकारा के बारें में

पारिवारिक दिक्कतों की वजह से दसवीं क्लास की पढ़ाई छोड़ने वाले सतीश छिकारा पहले ईट भट्ठा चलाते थे. तब ईंट बनाने का काम लेबर इंसेंटिव और टाइम टेकिंग होता था. इस वजह से बीच में बारिश हो जाने या मौसम खराब रहने की वजह से ईंट खराब हो जाती थी और कारोबारियों का काफी नुकसान होता था. इस बात का समाधान निकालने के लिए मशीन बनाने की सोचे. अभी सतीश छिकारा एसएनपीसी मशींस नामक एक स्टार्टअप के संस्थापक हैं. एसएनपीसी मशीन ने मोबाइल ब्रिक मेकिंग मशीन (Bricks machine) बनाई है जो पूरी दुनिया में एक अलग तरह की नई टेक्नोलॉजी है. सतीश छिकारा की ऑटोमेटेड ब्रिक्स मशीन 27 लाख रुपये से लेकर 67 लाख रुपये तक की है.

युवाओं के लिए बिजनेस अपॉर्चुनिटी

देश में घरों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसकी वजह से युवाओं के लिए बिजनेस करने की एक अपॉर्चुनिटी तैयार हो रही है. इस ऑटोमेटिक मशीन में कच्चे माल की मिक्सिंग से लेकर ईंट की मोल्डिंग एवं सुखाने के लिए ईंट जमीन पर बिछाने का काम अपने आप हो जाता है. इसे आज के युवा बिजनेस अपॉर्चुनिटी के रुप में देख रहे है.

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