आम आदमी पार्टी (AAP)के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने सरकार पर डी-सिल्टिंग कार्यों में भ्रष्टाचार और दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. भारद्वाज का कहना है कि हाईकोर्ट ने 8 अप्रैल 2024 को इन कार्यों का स्वतंत्र थर्ड पार्टी ऑडिट कराने का निर्देश दिया था, लेकिन बीजेपी सरकार ने इस आदेश का पालन नहीं किया.

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सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि उन्होंने दिल्ली सरकार से एक सवाल पूछा था, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के 8 अप्रैल 2024 के निर्देश का उल्लेख किया. इस निर्देश में कहा गया है कि सरकार द्वारा किए जाने वाले डी सिल्टिंग कार्य का थर्ड पार्टी ऑडिट एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा कराया जाए, और यह आदेश दिल्ली सरकार के लिए बाध्यकारी है. उन्होंने यह जानने की इच्छा व्यक्त की कि क्या सरकार ने कोर्ट के आदेश के अनुसार डी सिल्टिंग कार्य का थर्ड पार्टी ऑडिट कराया है.

‘डी सिल्टिंग के कार्य में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार’

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने यह सवाल इसलिए उठाया क्योंकि वे कई वर्षों से इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं. उच्च न्यायालय ने भी माना है कि डी सिल्टिंग के कार्य में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार होता है. यह केवल कागजों पर ही सीमित रहता है, जबकि ठेकेदारों को काम के बदले भुगतान कर दिया जाता है, लेकिन वास्तविकता में कोई कार्य नहीं होता. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही में दिल्ली में हुई हल्की बारिश के बाद जलभराव की समस्या इसका स्पष्ट प्रमाण है.

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दिल्ली सरकार से AAP नेता ने पूछे सवाल

AAP नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस बार भी डी सिल्टिंग के मामले में बड़े दावे किए हैं और इस पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं. हालांकि, स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से पूछा था कि क्या सरकार ने डी सिल्टिंग का थर्ड पार्टी ऑडिट कराया है, और यदि हां, तो उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए. नेता ने यह भी कहा कि इस प्रश्न पर दिल्ली सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, जबकि बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस पर एक सवाल उठाया.

मुख्य सचिव पर AAP के गंभीर आरोप

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि वीरेंद्र सचदेवा ने उनसे यह सवाल किया कि पिछले वर्ष जब दिल्ली में उनकी सरकार थी, तो डी सिल्टिंग का थर्ड पार्टी ऑडिट क्यों नहीं कराया गया. इस पर सौरभ ने स्पष्ट किया कि उन्होंने पिछले साल कई बार मुख्य सचिव को पत्र लिखकर डी सिल्टिंग की स्थिति रिपोर्ट के बारे में जानकारी मांगी थी, साथ ही थर्ड पार्टी ऑडिट कराने के संबंध में भी कई पत्र भेजे थे.

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सौरभ भारद्वाज ने अपने दावे को सिद्ध करने के लिए मीडिया के समक्ष एक वीडियो प्रस्तुत किया, जिसमें वह उस समय के मुख्य सचिव नरेश कुमार और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक में डी-सिल्टिंग की स्थिति रिपोर्ट और थर्ड पार्टी ऑडिट के बारे में प्रश्न पूछते हुए दिखाई दे रहे हैं. आम आदमी पार्टी के नेता ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद और उनके द्वारा कई बार पत्र लिखने के बावजूद, नरेश कुमार ने डी-सिल्टिंग का थर्ड पार्टी ऑडिट नहीं कराया.

‘भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए ऑडिट नहीं कराया’

सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि यह स्पष्ट है कि अधिकारियों को पता था कि डी सिल्टिंग केवल कागजों पर ही हो रही है. उन्होंने कहा कि यदि इस मामले की जांच की गई, तो कई उच्च पदस्थ अधिकारी फंस सकते हैं, इसलिए भ्रष्टाचार को छिपाने के उद्देश्य से डी-सिल्टिंग का थर्ड पार्टी ऑडिट नहीं कराया गया. भारद्वाज ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से यह भी अनुरोध किया कि वे यह जांच करें कि उन्होंने कई बार मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखने के बावजूद पिछले वर्ष डी सिल्टिंग कार्य का थर्ड पार्टी ऑडिट क्यों नहीं कराया गया.

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AAP ने की ACB की जांच की मांग

AAP नेता ने कहा कि इस वर्ष भी डी सिल्टिंग कार्य का थर्ड पार्टी ऑडिट नहीं हो रहा है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने सुझाव दिया कि यदि ऑडिट नहीं किया जा रहा है, तो इसकी जांच होनी चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व मुख्य सचिव नरेश कुमार बीजेपी के करीबी अधिकारियों में से एक रहे हैं, जिससे उन्हें उम्मीद नहीं है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता उनके खिलाफ एसीबी जांच का आदेश देंगी. यदि बीजेपी सरकार इस मामले में एसीबी जांच का आदेश नहीं देती, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार डी सिल्टिंग में हो रहे भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सक्रिय है.