राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। काली कमाई से करोड़ों रुपये इकट्ठा करने आरोपित पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा मामले में आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इसी बीच पूर्व परिवहन आरक्षक का नियुक्ति पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।सौरभ शर्मा का नियुक्ति पत्र 29 अक्टूबर 2016 को जारी किया गया था, और उन्हें अस्थाई तौर पर दो वर्ष के लिए नियुक्त किया गया था। यह नियुक्ति आदेश तत्कालीन परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा जारी किया गया था।
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बता दें कि सौरभ शर्मा की तलाश आईटी-ईडी-लोकायुक्त के साथ पुलिस को भी है। अब तक उसके पास से करोड़ों रुपये कैश, सोना, जेवरात और प्रॉपर्टी का खुलासा हो चुका है। उसकी फर्जी नियुक्ति की बात भी सामने आ चुकी है।
जानें कब तक जांच एजेंसियों को क्या-क्या मिला
ईडी भोपाल ने सौरभ शर्मा और अन्य मामले में मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जिलों में स्थित विभिन्न परिसरों में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 27 दिसंबर 24 को तलाशी अभियान चलाया था। तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड़ से अधिक की सावधि जमा के रूप में चल संपत्ति भी मिली है।
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