राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापों के दौरान एक डायरी मिली है। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि डायरी में कथित लेन-देन का हिसाब कोड वर्ड में लिखा हुआ है। डायरी में G और U कोड वर्ड बड़े-बड़े अक्षरों में दर्ज हैं। बड़ी बात यह है कि जांच एजेंसियों की ओर से दी जा रही अधिकृत जानकारी में अब तक डायरी के लेन-देन का जिक्र नहीं हुआ है।
सौरभ की 66 पेज की डायरी और कोड वर्ड का राज
सूत्र बता रहे हैं कि डायरी में 66 पेज हैं जिसमें सौरभ शर्मा के कथित लेनदेन का हिसाब है। डायरी में कोड वर्ड के साथ लेन-देन का जिक्र है। डायरी में कोड वर्ड तो कई हैं, लेकिन ये वीआईपी कौन हैं, फिलहाल इस संबंध में किसी तरह की जानकारी सामने नहीं आ सकी है। वहीं छापे के बाद सार्वजनिक की गई लोकायुक्त और ईडी की रिपोर्ट में भी अधिकृत रूप से अब तक इस डायरी के लेन-देन का जिक्र नहीं होना भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
जीतू पटवारी ने की डायरी सार्वजनिक करने की मांग
इधर, इस डायरी को लेकर प्रदेश में सियासत भी जमकर जारी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी कई बार कह चुके हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए डायरी सार्वजनिक कर उसका सत्यापन कराया जाना चाहिए।व हीं कुछ दिन पहले मुखर हुए पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा था कि डायरी में चाहे जिसका नाम निकले, लेकिन उनका नाम नहीं हो सकता।
सौरभ शर्मा केस में अब तक क्या हुआ?
ED की जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर में छापेमारी
27 दिसंबर को सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह, शरद जायसवाल के ठिकानों पर कार्रवाई की गई थी। भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में ताबड़तोड़ छापेमारी की गई थी। ग्वालियर में 3 बैग दस्तावेक बरामद कर एक पुरुष और महिला को ले अधिकारी अपने साथ ले गए थे।
ED ने 3 बार बदले आंकड़े
सौरभ शर्मा के ठिकानों पर कार्रवाई के बाद ED ने 48 घंटे में 3 बार आंकड़े बदले। सोशल मीडिया के जरिए 1 अनवरी को फ़ाइनल आंकड़ा बताया कि उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड रुपए से अधिक की एफडी मिली। साथ ही 4 करोड रुपए से अधिक का बैंक बैलेंस बरामद हुआ है। 23 करोड रुपए से अधिक की संपत्तियों के दस्तावेज मिलने की जानकारी भी मिली है।
पुश्तैनी मकान से मिली ग्रीन डायरी
ED ने ग्वालियर के विनय नगर सेक्टर 2 स्थित पुश्तैनी मकान से कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ एक ग्रीन कलर की हैंड रिटन डायरी मिली थी, जिसे ED ने अपने पंचनामे में आपत्तिजनक प्रकृति का बताया था।
18 दिसंबर को लोकायुक्त की रेड, IT ने बरामद किया था सोना और कैश
गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में छापेमार कार्रवाई की थी। वहीं 19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी की एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी खाली प्लॉट पर खड़ी है। जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए हैं। कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था। जिसके बाद IT की टीम ने कांच तोड़कर अंदर से बैग बाहर निकला, जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था।
राजधानी में IT की बड़ी कार्रवाई: 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश जब्त, इस काले कुबेर का मालिक कौन ?
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