देहरादून. मुख्यमंत्री आवास में आज तीज त्योहार के अवसर पर सावन उत्सव कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि गुरमीत कौर और गीता धामी (आयोजक) द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. सावन उत्सव कार्यक्रम में तीज पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. जिसमें उत्तराखण्ड के लोक गीत और लोक नृत्य शामिल रहे. कार्यक्रम में गीता धामी ने सभी मेहमानों को पौधा भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. सावन उत्सव कार्यक्रम में तीज क्वीन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया. जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़ हिस्सा लिया.

गुरमीत कौर ने सभी महिलाओं का स्वागत करते हुए कहा कि हम सभी यहां सावन उत्सव के लिए एकत्रित हुए हैं. सावन में संपूर्ण धरती खिल जाती है. उत्तराखण्ड राज्य हरियाली से आच्छादित है. यहां कोने-कोने में हरियाली है. सावन का महीना हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है एवं प्रकृति और मानव के बीच के अनूठे संबंध को भी दर्शाता है. सावन में कई त्योहार आते हैं.

रक्षाबंधन, नागपंचमी और तीज जैसे त्योहार हमारे रिश्तों को मजबूत करने और पारिवारिक बंधनों को और गहरा करने का अवसर प्रदान करते हैं.

गुरमीत कौर ने कहा कि उत्तराखण्ड की महिलाएं शक्ति का प्रतीक हैं. हमारे राज्य की महिलाएं सबसे मेहनती होती हैं. हरियाली तीज का उत्सव हमारे जीवन में नई उमंग और ताजगी लाता है. जैसे प्रकृति हरी-भरी होती है, वैसे ही हमारे जीवन में भी खुशियों और प्रेम का संचार होना चाहिए. सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का भी महत्वपूर्ण समय है. शिवभक्त इस समय विशेष पूजा-अर्चना और उपवास रखते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं.

गीता धामी ने सावन उत्सव कार्यक्रम में सभी का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि हरियाली तीज का त्योहार सौंदर्य, प्रेम, उमंग और सुहाग का त्योहार है. यह त्योहार हम सभी को एक मंच में आने और खुशियां बांटने का सुखद अनुभव करवाता है. सावन मास हरियाली का प्रतीक है. यह महीना भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है. तीज त्योहार हमें पारंपरिक वेश-भूषा, रीति रिवाजों और परंपराओं से जोड़ने का काम करता है. त्योहारों को मनाने से ही हम अपने रीति रिवाज और संस्कार जीवित रखते हुए इन्हें भविष्य तक पहुंचा पाएंगे.

गीता धामी ने कहा कि हम सभी इस सावन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के क्रम में पर्यावरण संरक्षण के लिए “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधारोपण अवश्य करें. उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी “सेवा संकल्प फाउंडेशन’ के माध्यम से पूरे प्रदेश में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चला रही हैं. हम सभी को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देना है और अन्य लोगों को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है. उन्होंने कहा कि जब तक हमारा पर्यावरण जीवित है, तब तक हमारा जीवन सुरक्षित है.