दिल्ली. देश के अग्रणी पब्लिक सेक्टर बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया को 31 दिसंबर 2017 को खत्म हुई तिमाही में 2,416 करोड़ रुपये का भारी भरकम घाटा उठाना पड़ा है. खास बात है इसके ठीक सालभर पहले इसी तिमाही में बैंक ने 1,820 करोड़ का भारी भरकम प्राफिट कमाया था.
बैंक के बैड लोन की दर लगभग दोगुनी हो जाने के चलते खासा नुकसान उठाना पड़ा है. विशेषज्ञों के मुताबिक बैंक के पास इससे निपटने के लिए कोई ठोस योजना अभी तक शुरु नहीं हो पाई है. दरअसल स्टेट बैंक में कई सहयोगी बैंकों के विलय ने भी इसके लिए बदतर स्थिति खड़ी की है. इन पांच सहयोगी बैंकों का विलय होने से उन पर लदा बैड लोन भी स्टेट बैंक के खाते में चढ़ जाने से बैंक को इतने भारी भरकम घाटे को झेलना पड़ा है.
दरअसल बैंक के बैड लोन का प्रतिशत कपीब 10.35 प्रतिशत हो गया जो कि पिछली तिमाही में 9.83 प्रतिशत था. स्टेट बैंक का ये भारी भरकम घाटा बैंक मैनेजमेंट के लिए खतरे की घंटी है. देखना है कि मैनेजमेंट इससे निपटने के लिए क्या उपाय अपनाता है. वैसे पब्लिक सेक्टर बैंकों में स्टेट बैंक की पोजीशन मार्केट लीडर की रही है. ऐसे में बैंक से जुड़ी निगेटिव बातें पूरे बैंकिंग सेक्टर पर गंभीर असर डालती हैं.