दिल्ली. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) एक अक्टूबर से अपने कई नियमों में बदलाव करने जा रहा है. नये नियमों के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक अपने लघु एवं मध्यम उद्योग लोन, होम लोन, कार लोन और अन्य खुदरा ऋणों पर ब्याज दर रेपो दर के आधार पर वसूलेगा. बैंक द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि वह अपने सभी तरह के परिवर्तनीय ब्याज दर वाले ऋणों के लिए बाहरी मानक रेपो दर को मानेगा. यानी अगले 5 दिन में एसबीआई बैंक के लोन से जुड़े नियम बदल जाएंगे.

एसबीआई ने चेक बुक में पन्ने घटा दिए हैं. और चेक बाउंस होने पर शुल्क बढ़ा दिया गया है. बैंक ने सर्विस चार्ज को लेकर नई सूची जारी की है. अब बचत खाते पर एक वित्त वर्ष में केवल 10 चेक ही मुफ्त देगा. अभी ग्राहकों को 25 चेक मुफ्त मिल रहा है. वहीं मुफ्त चेक खत्म होने पर 10 और चेक बुक लेने पर 40 रुपए देने होंगे. जबकि पहले 30 रुपए देने पड़ते थे. इसमें जीएसटी अलग से चुकाना होगा.

बता दें कि खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर चार्ज में 80 फीसदी की कमी का फायदा मिलेगा. इसके अलावा NEFT और RTGS के जरिये भी ट्रांजेक्शन सस्ता हो जाएगा. नये नियम एक अक्टूबर 2019 से पूरे देश में लागू हो जाएगा.