रायपुर- जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कारनामा देखिए, जिस ठेके को प्रदेश के ठेकेदार 40 से 45 करोड़ रूपए मेंं करने पर राजी थे, उसी ठेके को विभाग के अधिकारियों ने अपने चहेेते ठेकेदार को 53 करोड़ रूपए में दे दिया. मामले का खुलासा तब हुआ जब इसकी शिकायत आर्थिक अपराध अन्वेष्ण ब्यूरो से की गई.
डेढ़ से दो महीने की जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने गड़बड़ी मानते हुए विभाग के तीन अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक अनियमितता के मामले में अपराध पंजीबद्ध कर लिया है.
दरअसल बताया जा रहा है कि कोरबा जिले के सर्वेश्वर एनीकट के लिए जल संसाधन विभाग ने टेंडर जारी किया था. लेकिन टेंडर प्रक्रिया में पद का दुरूपयोग करते हुए मुख्य अभियंता आर एन दिव्य, अधीक्षण अभियंता बी आर लाड़िया और कार्य़पालन अभियंता मधुकर कुम्भारे ने षडयंत्रपूर्वक कुछ ठेकेदारों को अपात्र घोषित कर नागपुर की कंपनी डी. ठक्कर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया. इस पूरी प्रक्रिया में शासन के नियमों को ताक पर रख दिया गया.
शिकायत मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने पूरे मामले की पड़ताल के बाद षड्यंत्र करने वाले अधिकारी जल संसाधन विभाग के मिनीमाता हसदेव बांगो परियोजना के मुख्य अभियंता आर एन दिव्य, अधीक्षण अभियंता बी आर लाड़िया और कार्यपालन अभियंता मधुकर कुंभारे के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया .ईओडब्लू के अधिकारियों के मुताबिक दोषी पाए गए अधिकारियों के विरूद्धाध रा 13 (2) , धारा (1) डी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, 420, 120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है.