सूरज गुप्ता, बलरामपुर। बलरामपुर जिले को ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य फेल होता दिख रहा है. दरअसल जिला प्रशासन ने 15 अगस्त तक विकासखंडों को ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य रखा था लेकिन जब हमारे संवाददाता सूरज गुप्ता ने रामचंद्रपुर विकासखंड का दौरा किया तो पाया कि 80 फीसदी घरों में टॉयलेट का निर्माण अधूरा है. हांलाकि यहां फ़र्जीवाड़ा भी खूब हो रहा है. ज़्यादातर पंचायतों को अधूरे निर्माण के बाद भी ओडीएफ घोषित कर दिया गया है.
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा चलाई गई स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रत्येक घर में शौचालय निर्माण कर स्वच्छता को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से छ.ग. के प्रत्येक जिले को ओपन डिफिकेशन फ्री (खुले में शौच मुक्त) जिला बनाने का लक्ष्य रखा गया था., जिसमें छ.ग. के कई जिलों को तो पहले ही ODF घोषित किया जा चुका है. मगर बलरामपुर-रामानुजगंज जिला अब तक ODF घोषित नहीं हो सका है. जिला प्रशासन ने 15 अगस्त 2017 तक जिले को ODF करने कहा गया था.
जिला प्रशासन के निर्देशानुसार 15 अगस्त तक जिले को पूर्ण रूप से ODF करने की होड़ में अभी भी रामचंद्रपुर विकासखण्ड सबसे पीछे चल रहा है. रामचंद्रपुर विकासखंड के 82 पंचायत में लगभग सभी पंचायतों को शासन के रिकार्ड में ODF घोषित किया जा चुका है. जबकि वास्तविकता ये है की अभी भी 80 प्रतिशत घरों में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. जिस घर मे निर्माण हुआ भी है उसमें या तो सीट नहीं लगा है या तो टैंक कम्प्लीट नहीं है. अर्थात आधा अधूरा निर्माण कर ODF घोषित किया गया है.
ऐसे में 15 अगस्त तक अधूरे निर्माण को पूर्ण करना किसी भी सूरत में संभव नहीं है. अब देखना है कि चार दिन में कैसे इस लक्ष्य को पूरा किया जाता है.