रायपुर। नवा जतन कार्यक्रम का स्कूल शिक्षा मंत्री टेकाम ने शुभारंभ किया. इस दौरान मंत्री टेकाम ने कहा कि पढ़ाई लॉस को कवर करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. नवा जतन सेतु पाठ्यक्रम के अगला भाग है. इस कार्यक्रम के लिए मास्टर ट्रेनर चार स्तर पर ट्रेनिंग देंगे.

स्कूल शिक्षा मंत्री टेकाम ने बताया कि सेतु पाठ्यक्रम 2.0 के तहत नवा जतन नामक यह कार्यक्रम उन बच्चों के लिए तैयार किया गया है, जो अपनी पिछली कक्षाओं से निचले स्तर के शैक्षिक स्तर के हैं. इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद छत्तीसगढ़, रायपुर के विषय विशेषज्ञों द्वारा सेतु पाठ्यक्रम को आधार बनाकर कुछ ऐसी सुझावात्मक गतिविधियां तैयार की गई हैं, जिसके माध्यम से शिक्षक कोरोना के संक्रमण काल के समय बच्चों के शैक्षिक स्तर में हुई गिरावट को तेज गति से ऊपर लाने के लिए इन गतिविधियों का उपयोग कर पाएंगे.

इसकी एक और खास बात यह है कि नवा जतन पुस्तिका में कुछ ऐसी शिक्षण शास्त्रीय गतिविधियां सुझाई गई हैं, जो सामान्य कक्षा शिक्षण के दौरान ही उपचारात्मक शिक्षण के लिए शिक्षकों द्वारा काम में लाई जा सकती हैं. इसमें कुछ ऐसे बिंदु सुझाए गए हैं, जिसमें बिना किसी खर्च के और समय की बचत करते हुए सामान्य कक्षा शिक्षण के दौरान ही बच्चे अपनी गति और स्तर के अनुसार अलग-अलग गतिविधियों में संलग्न होकर सीखने में तत्पर होंगे.

एससीईआरटी छत्तीसगढ़ रायपुर में राज्य स्रोत व्यक्तियों के इस तीन दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिवस एससीईआरटी के विषय विशेषज्ञों द्वारा सेतु पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार गतिविधियों का विषयवार प्रस्तुतीकरण दिया गया, जिसमें उन्होंने विभिन्न लर्निंग आउटकम्स के आधार पर अलग-अलग गतिविधियों को कक्षा में किस तरह से करवाया जाए. इस पर विस्तार से बात की.

इस कार्यशाला के दूसरे दिन में भी यही क्रम चला और दूसरे दिन के द्वितीय सत्र के बाद से उन प्रमुख बिंदुओं को बताया गया, जिसमें नवा जतन में उल्लेखित उन बिंदुओं को बताया गया जिनका उपयोग करके बच्चे को तेज गति से सिखाया जा सकता है. उन बिंदुओं को यदि शिक्षक कक्षा में अपने बच्चों के साथ क्रियान्वित करें तो निश्चित ही बच्चे तेज गति से अपने शैक्षिक स्तर से ऊपर आ पाएंगे. इस पर विस्तृत विस्तृत चर्चा हुई.

इसके अलावा ऊर्जा संरक्षण, जल संरक्षण और सतत ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी राज्य के स्रोत व्यक्तियों के साथ चर्चा हुई. उन्हें इन मुद्दों पर संवेदनशील बनाया गया. इस प्रशिक्षण के बाद राज्य स्त्रोत व्यक्ति अपने जिलों में जाकर संकुल शैक्षिक समन्वयकों को इस पूरी प्रक्रिया से अवगत कराएंगे. संकुल शैक्षिक समन्वयक आने वाले समय में अपने शिक्षकों को उपचारात्मक शिक्षण की इस नवीन प्रक्रिया से अवगत कराएंगे. शिक्षक अपनी कक्षाओं में इस नवीन प्रक्रिया का प्रयोग करके अपने बच्चों के शैक्षिक स्तर को ऊपर उठाने में सक्षम हो पाएंगे.

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