नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार से कई जूनियर स्कूल 23 महीने के लंबे अंतराल के बाद फिर से खुल गए हैं. 2020 में लगाए गए पहले लॉकडाउन के बाद यह पहला मौका है, जब ये स्कूल जूनियर छात्रों के लिए खुल रहे हैं. सोमवार को नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए दिल्ली के अधिकांश स्कूल खुल गए, लेकिन कई प्राईवेट स्कूल अभी भी बंद ही हैं. स्कूल का पहला दिन होने के कारण बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए अभिभावक भी छात्रों के साथ स्कूल पहुंचे. दरअसल स्कूल का पहला दिन होने के कारण जहां कई स्कूलों में स्कूल बस का इंतजाम नहीं था, तो वहीं कई अभिभावक लगभग 2 साल बाद स्कूल आ रहे बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें स्कूल के गेट तक छोड़ने के लिए आए.

 

पैरेंट्स के साथ आए छोटे-छोटे बच्चे

दक्षिण दिल्ली निवासी श्रेयस जोशी और उनकी पत्नी चौथी कक्षा में पढ़ने वाली अपनी बेटी नव्या को छोड़ने स्कूल आए. जहां नन्ही नव्या स्कूल आने को लेकर उत्साहित दिखी. उसके पिता का कहना है कि बच्चों के नियमित तौर पर स्कूल जाते रहने से ही जहां बच्चों का मनोबल बढ़ेगा, वहीं अभिभावकों का भी है संदेह भी धीरे-धीरे जाता रहेगा. द्वारका में रहने वाली मीनल अरोड़ा भी पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले अपने बेटे देवांश को स्कूल छोड़ने आई. मीनल का कहना है कि बच्चे बाजार, पारिवारिक कार्य, पार्टी और बीते 2 साल में कई बार दिल्ली से बाहर भी जा चुके हैं. बच्चे अन्य गतिविधियों में शामिल होकर भी सुरक्षित रह सकते हैं, तो फिर स्कूल जाने पर भी उन्हें कोई खतरा नहीं होना चाहिए.

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बिना स्कूल के बचपन अधूरा रहता है- सीएम अरविंद केजरीवाल

वहीं स्कूल खुलने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सोमवार से छोटी क्लास के लिए भी स्कूल खुल गए हैं. छोटे बच्चों को भी अपने स्कूल खुलने का बेसब्री से इंतजार था. बिना स्कूल के बचपन अधूरा रहता है. ईश्वर ना करे कि अब फिर से कभी स्कूलों को बंद करना पड़े. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इन स्कूलों के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश बनाए हैं, सभी प्रावधानों को पूरा किए बिना किसी भी स्कूल को ऑफलाइन कामकाज की अनुमति नहीं दी जाएगी. दरअसल दिल्ली में स्कूलों की री-ओपनिंग चरणबद्ध तरीके से की गई है. पहले चरण में सीनियर छात्रों के लिए स्कूलों की री-ओपनिंग सोमवार 7 फरवरी से शुरू हुई थी. इसके बाद अब 14 फरवरी से नर्सरी से लेकर 8वीं तक के कक्षाओं के लिए स्कूल खोले गए हैं.

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स्कूल खोलने के लिए दिशा-निर्देश तय

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देशभर में स्कूल खोलने के लिए दिशा-निर्देश तय किए हैं. इन्हीं दिशा-निर्देशों के आधार पर दिल्ली में सभी कक्षाओं के लिए फिजिकल कक्षाएं शुरू की जा रही हैं. इस बीच दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया है कि स्कूल खुलने के बाद अगले 2 सप्ताह तक विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के मेंटल-इमोशनल वेल-बीइंग पर काम किया जाए, क्योंकि पिछले 2 सालों में स्कूलों के बंद रहने से छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. साथ ही कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से बच्चे किन परिस्थितियों से गुजरे उन अनुभवों को साझा करने का मौका दिया जाएगा. उचित वातावरण तैयार कर अन्य विद्यार्थियों व स्कूल के साथ घुलने-मिलने का मौका भी छात्रों को दिया जाएगा.

 

बच्चों से भावनात्मक रूप से जुड़ने की होगी कोशिश

दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि टीचर वन-ऑन-वन इंटरेक्शन की मदद से हर बच्चों से भावनात्मक रूप से जुड़ने का काम करेंगे और वन-ऑन-वन असेसमेंट के द्वारा बच्चों की लर्निंग संबंधी आवश्यकताएं समझेंगे. स्कूलों में फिलहाल किसी नए विषय को शुरू करने के बजाय पहले 2 सप्ताह पिछली वर्कशीट का ही रिवीजन करवाया जाएगा. उल्लेखनीय है कि एक लम्बे अरसे बाद जब दिल्ली में सोमवार से नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं शुरू हुई हैं. शिक्षा निदेशालय के सभी स्कूलों बच्चों की स्कूल वापसी को लेकर पूरी तरह से तैयार है. शिक्षा निदेशालय द्वारा एक सर्कुलर भी जारी किया गया है, जिसके अनुसार स्कूलों के खुलने पर पहले बच्चों की मनोस्थिति को जानने का प्रयास किया जाएगा और पढ़ाई के लिए जल्दबाजी न कर उपयुक्त वातावरण तैयार कर उन्हें धीरे-धीरे पढ़ाई से जोड़ा जाएगा.

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माइंडफुलनेस और हैप्पीनेस क्लास की मदद से बच्चों में तनाव किया जाएगा कम

छोटी क्लासों के लिए स्कूल खुलने के बाद पहले 2 हफ्ते कुछ खास बातों का ख्याल रखा जाएगा. इसके तहत माइंडफुलनेस और हैप्पीनेस क्लास की मदद से बच्चों को तनाव और भय से उबारकर वापस पढ़ाई से बेहतर ढंग से जोड़ा जाएगा. शिक्षा निदेशालय के मुताबिक बच्चों के पढ़ने व गणित संबंधी बुनियादी कौशल में आए लर्निंग-गैप को पहचान कर मिशन बुनियाद की एक्टिविटीज की मदद से खत्म किया जाएगा. दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी ने स्कूलों को फिर से शुरू करने के संबंध में निर्णय लिया था. डीडीएमए के फैसले के मुताबिक, 7 फरवरी सोमवार से कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों को खोल दिया गया था और आज से नर्सरी से 8वीं तक की कक्षाएं भी खोल दी गई हैं.