जयपुर. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए प्रदेश में गठित कई महिला स्वयं सहायता समूहों को साथ लाकर बनाए गए किसान उत्पादक संघ या एफपीओ अत्यधिक सफल साबित हो रहे हैं. भारत सरकार द्वारा प्रदेश में एफपीओ की इस सफलता को देखते हुए 30 अतिरिक्त महिला एफपीओ गठन के लक्ष्य आंवटित कर दिए गए हैं जिनका गठन इसी माह से किया जाएगा.
ग्रामीण विकास विभाग की सचिव एवं मिशन निदेशक मंजू राजपाल ने बताया कि प्रदेश में विगत वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत सरकार द्वारा आंवटित सभी 35 एफपीओ का गठन किया जा चुका है. इन एफपीओ ने कई नए क्षेत्रों में हाथ आजमाकर स्वयं को सिद्ध किया है. एफपीओ में सदस्यों की शेयर कैपिटल एवं सरकार से प्राप्त इक्विटी ग्रांट के अलावा एफपीओ के प्रबन्धन के लिए प्रतिवर्ष 6 लाख रुपए की राशि निर्धारित है.
एक एफपीओ में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की सैकड़ों सदस्य महिलाएं शामिल हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि राजीविका द्वारा गठित एफपीओ द्वारा कृषि आधारित मूल्य संवर्धन उत्पादों में सीताफल पल्प, सोयाबीन आधारित पोषण लड्डू, पशु आहार विपणन, शहद उत्पादन एवं विपणन, कच्ची घाणी सरसों तेल उत्पादन जैसे कार्य कर ग्रामीण महिलाओं का आजीविका संवर्धन किया जा रहा है. राजपाल ने बताया कि राजीविका द्वारा एफपीओ गठन से महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को रोजगार के सर्वथा नए अवसर प्राप्त होने के साथ-साथ आर्थिक स्वालम्बन में मदद मिल रही है.
प्रदेश में चल रहे कुछ एफपीओ
झालावाड़ी महिला किसान प्रोड्यूसर कम्पनी लि. झालावाड-
यह महिला किसान प्रोड्यूसर कम्पनी शहद के उत्पादन और विपणन का कार्य कर रही है. इसमें महिला सदस्यों की संख्या करीब 700 है. सदस्यों की शेयर पूंजी करीब 19 लाख रुपए से प्रारम्भ हुए इस एफपीओ में सरकार से 10 लाख की इक्विटी ग्रांट प्रदान की गई है जबकि एफपीओ के प्रबन्धन के लिए प्रतिवर्ष 6 लाख रुपए की राशि रखी गई है. एफपीओ द्वारा उत्पादित शहर का विपणन ‘मधुसखी झालावाड़ी हनी’ के नाम से किया जाता है.
बडीसादड़ी महिला किसान प्रोड्यूसर कम्पनी लि. बडी सादडी, चित्तौड़गढ
इस प्रोड्यूसर कम्पनी में 666 महिला सदस्य शामिल हैं. एफपीओ का प्रमुख कार्य कच्ची घाणी सरसों तेल उत्पादन एवं विपणन है. इसमें सदस्यों की शेयर केपिटल 13.32 लाख है जबकि सरकार से प्राप्त इक्विटी ग्रांट के रूप में 12.06 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं.
देवानन्दनी महिला किसान प्रोड्यूसर कम्पनी लि. डूंगरपुर
डूंगरपुर के 370 महिला सदस्यों वाले इस एफपीओ का व्यवसाय सोयाबीन आधारित पोषण लड्डू का निर्माण है. इसके सदस्यों की शेयर कैपिटल 7 लाख 40 हजार रुपए और सरकार से भी इतनी ही राशि इक्विटी ग्रांट के रूप में इस कम्पनी को प्राप्त हुई है.
नीलगीरी महिला किसान खेरवाड़ा प्रोड्यूसर कम्पनी लि. खेरवाडा, उदयपुर
इस एफपीओ में 400 महिला सदस्य हैं और यह सीताफल संग्रहण, पल्प प्रोसेसिंग एवं विपणन का व्यवसाय करता है. इसमें सदस्यों की शेयर केपिटल के रूप में 8 लाख रुपए एवं सरकार से प्राप्त इक्विटी ग्रांट राशि 7 लाख रुपए है.
महिला शक्ति एग्रोफार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लि. झोथरी, डूंगरपुर
इस तरह 390 महिला सदस्यों वाले इस एफपीओ का व्यवसाय बेसन, चना दाल, काला बादल चावल एवं वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन एवं विपणन है. इस एफपीओ को सदस्यों की शेयर कैपिटल 7 लाख 80 हजार रुपए एवं सरकार से इतनी ही इक्विटी ग्रांट से प्रारम्भ किया गया है.
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