सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। सरकारी जमीन को निजी भूमि बनाने का खेल चल रहा है. लीज पर कौड़ी के दाम पर मिली जमीन को करोड़ों रुपए में बेचने का मामला सामने आया है. इस मामले में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ राज्यपाल अनुसूईया उइके और पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी को की है.

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) की ओर से राष्ट्रीय प्रवक्ता आशीष देव सोनी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ राज्यपाल और पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में बताया कि 11 हजार 700 वर्ग फीट नजूल भूमि को मई 1969 से 31 मार्च 1992 तक लीज पर दी गई थी. लीज को 5 फरवरी 1996 को फिर नवीनीकरण किया गया. वार्षिक किराया 169 रुपए मात्र में मिली थी, इसका भूभाटक भी हर साल जमा करना था. पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी ने भू-भाटक का पूर्ननिर्धारण कर राशि को 500 गुना तक बढ़ा दिया था. पिछले 20 साल से लीजधारी ने किराया ही जमा नहीं किया था. यह राशि ब्याज सहित करीब लाखों रुपए पहुंच गई. लेकिन प्रशासन ने न तो भू. भाटक के लिए नोटिस जारी किया है और ना ही आबंटन निरस्त किया.

लीज नवीनीकरण करके मार्च 2022 तक के लिए 169 रुपए सालाना लीज पर मोहन नत्यानी नामक व्यक्ति को व्यापारिक उपयोग के लिए दी थी. लीजधारी के पुत्र कृष्ण कुमार नत्यानी ने उक्त भूमि के टुकड़े-टुकड़े में बिक्री करना शुरू कर दिया है. रजिस्टार ने बिना निरीक्षण के रजिस्ट्री कर दी. रजिस्ट्री में गड़बड़ी करते हुए नजूल नक्शा लगाया है. नजूल नक्शा में व्यावसायिक कांप्लेक्स और बिक्री की गई भूमि को निजी हक का बताया गया है. अब उक्त जमीन पर बड़े निर्माण की योजना बनाई जा रही है, जिसका नक्शा भी नगर निगम एवं नगर निवेश के अधिकारियों ने पास कर दिया है.