रायपुर। राष्ट्रीय महिला आयोग के द्वारा राज्य महिला बाल विकास के कार्यों की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर किया गया. महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरण मयी नायक को यह प्रमाण पत्र राष्ट्रीय महिला आयोग ने छतीसगढ़ के लिए प्रदान किया था. जिसे आज डॉ नायक ने माननीय मंत्री अनिला भेड़िया को यह प्रमाण पत्र प्रदान किया.

पूरे महिला बाल विकास विभाग ने कोविड महामारी काल मे पूरे छत्तीसगढ़ में जो कार्य कर महिलाओँ की मदद किया है. इसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर की गयी.

राष्ट्रीय महिला आयेाग नई दिल्ली कार्यालय में आज सभी राज्यों के महिला आयोग के अध्यक्षों का सेमीनार हुआ. इस सेमिनार में राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि किसी भी राज्य ने कोविड लॉकडाउन के दौरान इतनी बड़ी संख्या में जनसुनवाई नहीं किया, जितना छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने इस महामारी के दौरान किया. कोविड- 19, लाॅकडाउन के समय छत्तीसगढ़ में पुलिस और प्रशासन का जो सहयोग जनसुनवाई में मिला है, ऐसा पूरे देश के किसी भी राज्य को नहीं मिला.

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में महिला आयोग की जन सुनवाई में सभी जिले के कलेक्टर (जिला प्रशासन), पुलिस अधीक्षक, (पुलिस प्रशासन ) का सहयोग मिलता है. महिला आयेाग के निर्देशों का कड़ाई से पालन छत्तीसगढ़ में किया जाता है. महिलाओं की शिकायतों के निराकरण में जिस तरह पुलिस और प्रशासन तत्परता से काम कर रही हैं, वैसा पूरे देश में कहीं नहीं हो रहा है. महिलाओं के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार सजग और संवेदनशील है.

उन्होंने देश के अन्य राज्यो के महिला आयोग के द्वारा अपने राज्यों के कार्याें को ही बताये जाने पर राष्ट्रीय महिला आयेाग ने आपत्ति भी किया कि अपने महिला आयोग के कार्याें से लोगो को अवगत कराएं.

छत्तीसगढ़ की महिला आयोग नयी है. उनसे सभी छोटे राज्यो को महिला आयोग को सीख लेनी चाहिए कि काम कैसे किया और करवाया जाता है. जितना अधिक काम होगा, महिलाओ को उतना न्याय मिलेगा, महिलाओ के सम्मान और उनके अधिकारों की जितनी अधिक रक्षा करने के प्रति काम होगा उतना ही अधिक आयोग के अधिकार एवं शक्ति में बढ़ोतरी होगी. पावर हमारे काम करने के तरीके से बनता है, अधिकार की भीख मत मांगिये, खुद के काम से खुद को सशक्त बनाइये, आप सभी राजनीतिक कार्यक्रमों में भागीदारी भी कर सकते हैं, देश के बड़े राज्य के महिला आयोगों को छोटे राज्यों में किये जा रहे आयोग की कार्यवाही से सीख लेने चाहिए. आपके आयोग में कम सदस्य हो या ज़्यादा सदस्य हो इससे आपके काम प्रभावित नही होता है, जैसे कि छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग बिना सदस्य के काम कर रही है. छत्तीसगढ़ महिला आयोग ने अब तक 5 महीनों में 44 जन-सुनवाई में 1100 प्रकरणों की सुनवाई की है, जिसमें लगभग 400 मामलों का निराकरण किया गया है. इसकी जानकारी आयोग अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने दिया.

डॉ किरणमयी नायक ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में राज्य महिला आयोग को बहुत ज़्यादा शक्ति प्रदान किया है और उनके दिशा निर्देशों पर ही समस्त पुलिस और प्रशासन से सहयोग लेकर तीव्र गति से महिलाओं को न्याय देने में आयोग तत्परता से काम कर रहा है.

बता दें कि 31 जनवरी को राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम के अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक,महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय भी उपस्थित थी.

इस कार्यक्रम में देश के सभी महिला आयोग की अध्यक्ष उपस्थित थे. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ नायक को इस कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था. केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा महिलाओ को न्याय और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए किए गए कार्यो की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि जिस तरह छत्तीसगढ़ में महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए त्वरित कार्यवाही की जा रही है, वैसा किसी और राज्य में परिलक्षित नही हो रहा है. सभी राज्य की महिला आयोग को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यो से प्रेरित होकर महिलाओ को यथाशीघ्र न्याय दिलाने की कार्रवाई करनी चाहिए.