दिल्ली.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री गुरुदास कामत का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से यहां निधन हो गया. वह 63 वर्ष के थे. कामत को सांस लेने में दिक्कत होने के बाद सुबह करीब सात बजे चाणक्यपुरी के प्राइमस अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गयी.
सूत्रों ने बताया कि कामत के सहायक ने सुबह उन्हें चाय दी. उसी दौरान उन्होंने सांस लेने में दिक्कत होने की बात कही. उनका ड्राइवर उन्हें तुरंत अस्पताल ले गया. सुबह वह वसंत एन्क्लेव स्थित अपने निजी आवास पर अकेले ही थे. उनका परिवार पार्थिव शरीर लाने के लिए मुंबई से रवाना हो चुका है.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनके असामयिक निधन पर कहा…
कामत ने कल रात 11 बजकर 44 मिनट पर अपने अंतिम ट्वीट में लोगों को ‘ईद की मुबारकबाद’ भी दी थी. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अस्पताल पहुंचकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी.कामत के यूं अचानक चले जाने से कांग्रेस में शोक की लहर है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनके असामयिक निधन पर शोक जताया है. मुखर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘ गुरुदास कामत के अचानक और असामयिक निधन से शोकाकुल हूं. सरकार और पार्टी में वर्षों तक वह सहकर्मी रहे, इस अवस्था में उनका जाना दुखदायी है’’
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता गुरुदास कामत के अचानक निधन से दुखी हूं. वह एक अनुभवी नेता थे जिन्होंने गृह मंत्रालय में राज्यमंत्री के तौर पर अपनी सेवा दी थी. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं’’
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘कांग्रेस नेता गुरुदास कामत के अचानक निधन की सूचना पाकर बहुत आहत और दुखी हूं. इस क्षति को बता सकने योग्य शब्द नहीं हैं. उनके परिजनों, मित्रों और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. दिवंगत की आत्मा को शांति मिले’’
पांच बार रहे थे सांसद…
मुंबई से पांच बार सांसद रहे कामत 1976 से 1980 तक एनएसयूआई के अध्यक्ष भी रहे थे. वह 2009 से 2011 तक केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री रहे।.उनके पास संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी था. जुलाई, 2011 में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.वह मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस समिति के अध्यक्ष भी रहे. पेशे से वकील कामत ने मुंबई के आर ए पोद्दार कॉलेज से स्नातक और सरकारी विधि कॉलेज से कानून की पढ़ाई की थी.