रायपुर। वरिष्ठ पत्रकार रविकांत कौशिक का अंतिम संस्कार सोमवार को महामसुंद जिला स्थित उनके गृहग्राम कोमा में किया गया. रविकांत कौशिक को मुखाग्नि उनकी बेटी और भतीजे ने दी. इस मौके पर उनके पारिवारिक सदस्यों के साथ बड़ी संख्या में राजधानी रायपुर से उनके साथी मित्र मौजूद रहें.

अंतिम संस्कार के बाद शोक सभा में साथी पत्रकारों ने कहा कि रविकांत कौशिक पत्रकारिता के लिए आदर्श थे. वे नई पीढ़ी के लिए मिसाल की तरह रहेंगे. ख़बरों के प्रति उनकी जीवटता, उनका जुनून, जब्जा आज के समय में पत्रकारों में बहुत कम में देखने को मिलती है. उनका असमय चले जाना छत्तीसगढ़ के समूचे पत्रकारिता जगत के एक बड़ी क्षति है. वे अपनी बेबाक टिप्पणी और तीखे सवालों से सत्ता को हिला कर रखने वाले पत्रकारों मे से एक रहे हैं.

आपको बता दे कि रविकांत कौशिक का निधन कल सीने में अचानक उठे दर्द के बाद हो हुआ था. चिकित्सकों के मुताबिक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई थी. रविकांत, पंकज कौशिक के पति और स्वाति के पिता थे. कुरुद के पास कमरौद ग्राम उनका ससुराल है. मोखला मामा गांव और कोमा महासमुंद गृहग्राम है. उनके पिता बीएसपी नौकरी में थे, लिहाजा उनका अधिकतर समय भिलाई में बिता था और पढ़ाई-लिखाई भी वहीं हुई थी. वे कल्याण कालेज के होनहार छात्र रहे. उनकी सक्रियता छात्र राजनीति में भी रही. वे एक बढ़िया स्टोपर्ट्स मैन भी रहे. कुछ वर्ष वे कवर्धा जिले में सरकारी स्कूल में खेल शिक्षक भी रहे. बाद में जब पत्रकारिता में तो फिर खाटी पत्रकार बनकर रहे. उनकी पहचान हमेशा एक निर्भिक, बेबाक, ईमानदार और खुद्दार पत्रकार के रूप में रही. वास्तव में ऐसे व्यक्तित्व का अवसान हम सबके लिए अपूर्णीय क्षति है. भगवान से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे. lalluram.com परिवार रविकांत कौशिक विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है. उनका जुड़ाव हमारे संस्थान से हमेशा सदस्य की तरह ही रहा. वे हम सबके दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे.

माटी होती तोर चोला रे संगी….
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