संदीप शर्मा, विदिशा। जिले के गंजबासौदा जनपद पंचायत के त्योंदा तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत खामखेड़ा के सरपंच प्रत्याशी पर जाति प्रमाण पत्र जमा किए बिना सरपंच चुनाव जीतने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर निर्वाचन (जीत का) प्रमाण पत्र जारी नहीं करने की मांग की है। इस मामले में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि पुरुष के लिए आरक्षित सीट पर पत्नी को चुनाव लड़ाने का गंभीर आरोप है। इस मामले में संबंधित निर्वाचन अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है। अधिकारी ने ऐसा क्यों होने दिया यह ग्रामीणों की समझ से परे है।
कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि सरपंच पद आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी। जिस पर ग्राम कजरई निवासी निलेश वंशकार ने अपनी पत्नी मीना बाई को चुनाव लड़ाया गया। लेकिन उनका जाति प्रमाण पत्र नामांकन फार्म के साथ नहीं लगा गया था। इसके बाद भी उनका नामांकन फॉर्म रिजेक्ट नहीं हुआ और वे सरपंच पद पर विजयी भी हो गई।
सरपंच पद के प्रत्याशी गणेश आदिवासी ने बताया कि जब उनके माध्यम से नामांकन पत्र भरा जा रहा था तब तहसीलदार ने उन्हें जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए थे। ऐसा ना होने की सूरत में नाम निर्देशन पत्र रद्द होने की बात भी कही गई थी। मीना बाई का जाति प्रमाण पत्र ना होने का आरोप लगाते हुए उनका विजयी प्रमाण पत्र रोकने की मांग की गई है।
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