पश्चिम बंगाल की बिधान नगर सेशन कोर्ट ने लियोनेल मेसी के गोट इंडिया टूर के ऑर्गेनाइजर, सताद्रू दत्ता को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. मेसी के कोलकाता दौरे के बाद साल्ट लेक स्टेडियम में हुए हंगामे के बाद कोलकाता पुलिस ने इवेंट मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पुलिस ने तब गिरफ्तार किया जब वह मेसी और इंटर मियामी के टीम के साथी लुइस सुआरेज और रोड्री डी पॉल के साथ जा रहे थे.

सताद्रु दत्ता को साल्ट लेक स्टेडियम में मिसमैनेजमेंट के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद बिधान नगर कोर्ट में पेश किया गया. जब उन्हें कोर्ट लाया जा रहा था, तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और आयोजकों पर दर्शकों को धोखा देने का आरोप लगाया.

दरअसल, 13 दिसंबर को स्टेडियम से मेसी के जल्दी निकल जाने के बाद फैंस भड़क गए. दूर-दूर से आने और टिकटों के लिए भारी रकम चुकाने के बावजूद वे अपने सुपरस्टार की एक झलक भी नहीं देख पाए. फैंस ने स्टेडियम में जमकर तोड़-फोड़ की. दत्ता को बिधाननगर पुलिस ने शनिवार को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. सताद्रु मेसी और उनके साथियों को हैदराबाद के लिए छोड़ने गए थे.

बंगाल के गवर्नर सॉल्ट लेक स्टेडियम पहुंचे

मेसी के इवेंट के दौरान हुए हंगामे के एक दिन बाद, पश्चिम बंगाल के गवर्नर सी वी आनंद बोस ने रविवार को मौके पर जाकर जायजा लिया. शनिवार को मेसी के इवेंट में हंगामे और भीड़ की गड़बड़ी के बाद बोस को सॉल्ट लेक स्टेडियम में एंट्री नहीं दी गई थी. उनके पहुंचने पर गेट बंद थे और स्टेडियम की लाइटें बंद थीं. गवर्नर ने आरोप लगाया था कि यह कदम उनकी एंट्री रोकने के लिए था. उन्होंने इस पर डिटेल में जवाब मांगा था. बोस ने पहले सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुई घटना को कोलकाता के खेल प्रेमी लोगों के लिए काला दिन बताया था. उन्होंने राज्य सरकार को इवेंट ऑर्गनाइजर को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था. उन्हें हंगामे के लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया था. कोलकाता पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आयोजकों ने स्टेडियम परिसर के अंदर पानी की बॉटल और कोल्ड ड्रिंक्स ले जाने की अनुमति कैसे दी जो ऐसे आयोजनों के दौरान प्रतिबंधित चीजें हैं.

जांच टीम भी स्टेडियम का जायजा लेने पहुंची

जांच समिति के सदस्यों ने रविवार को वेन्यू का दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया. तीन सदस्यों की टीम ने स्टेडियम के ऑन-ग्राउंड निरीक्षण के दौरान टूटी हुई प्लास्टिक कुर्सियों, मुड़े हुए मेटल बैरिकेड्स और बिखरी हुई गैलरी की जांच की. यह स्टेडियम भारत के सबसे बड़े फुटबॉल मैदानों में से एक है. कलकत्ता हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस असीम कुमार रे की अगुवाई में टीम ने उस जगह से जांच शुरू की, जहां से मेसी ने एंट्री की थी. पैनल को नुकसान का आकलन करने और अराजकता की वजह बनने वाली घटनाओं के क्रम को फिर से बनाने की अनुमति देने के लिए सफाई और मरम्मत रोक दी गई थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच टीम को चूक के लिए जिम्मेदारी तय करने और हाई-प्रोफाइल इवेंट में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम सुझाने का काम सौंपा है.

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