सुप्रिया पांडेय, रायपुर। कौन कहता है कि बेटियां बोझ होती है, यदि बेटियों की प्रतिभा को सही दिशा मिले, तो बेटी हर वो काम कर सकती है जो वो करना चाहे, इस बात को चरितार्थ किया सात साल की मिस्का ने. महज झंडा देखकर देश का नाम और उसका राष्ट्रीय खेल बता देनी वाली मिस्का ने इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया है.

राजकुमार कॉलेज में मिस्का ने अपनी प्रतिभा इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड के चेन्नई से आए प्रतिनिधि के सामने प्रदर्शित किया. मिस्का को करीबन डेढ़ सौ देशों के झंडे दिखाए गए, जिसकी महज पांच मिनट 6 सेंकड में पहचान कर मिस्का ने उस देश के राष्ट्रीय खेलों की जानकारी देकर न केवल इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड के प्रतिनिधि बल्कि इस दौरान मौजूद तमाम लोगों को हैरान कर दिया.

मिस्का के पिता रवि अग्रवाल कहते है कि उनकी बेटी शुरू से ही छोटी-छोटी चीजों पर गौर करती थी, हमने उसके इस टैलेंट को पहचाना. मिस्का के पास पहले से ही यह टैलेंट था, जिसे हमने बढ़ावा दिया है. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि मिस्का इस दुनिया को पहचाने, राष्ट्रीय खेल के साथ उनके खेलों को भी सीखे, उनकी भाषा को भी पहचाने, बच्चे बड़े होंगे, बाहर निकलेंगे तो दुनिया के लोगों के साथ उनका कम्युनिकेशन स्किल काफी अच्छा रहेगा.

मिस्का की माँ प्रीति अग्रवाल ने कहती हैं कि भगवान ने मिस्का को अनूठा टैलेंट दिया है कि कोई भी चीज यदि ये एक बार देख लेती है, तो उसको बहुत जल्दी पहचान लेती है. अभी लॉकडाउन के टाइम था. इस दौर में हमने इसके टैलेंट को पहचाना और हमने सोचा कि कहीं ना कहीं इसे यूज़ करना चाहिए. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी इसका नाम दर्ज हो सकता है, तो बस हमने टॉपिक सोचा, और मिस्का ने हमारा नाम रोशन किया मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि मैं उसकी माँ हूं.

इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड से विवेक ने कहा कि बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में राजकुमार कॉलेज में 7 साल के बच्ची मिस्का अग्रवाल ने देश के सभी झंडों और उनके राष्ट्रीय खेल को पहचान कर एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया है. मिस्का ने इसे 5 मिनट 6 सेकंड पूरा किया है, जो वास्तव में बहुत अच्छी बात है.

देखिए वीडियो :

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